Thursday 23 December 2021

गद्दारों से प्रश्न

देश के गद्दारों से प्रश्न ..:-

1- डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सावरकर, गोडसे, गोलवलकर आदि ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध क्यों किया? क्या यह देश से गद्दारी नहीं थी?
2- RSS और हिन्दू महासभा, मुस्लिम लीग के साथ मिलकर लगातार स्वतंत्रता आंदोलन का विरोध क्यों कर रहे थे?
क्या यह देश से ग़द्दारी नहीं कर रहे थे?
3- RSS , सावरकर और डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी आदी बर्मा बॉर्डर पर आज़ाद हिंद फ़ौज के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए भारतीय नवयुवकों को ब्रिटिश फ़ौज मैं क्यों भर्ती करा रहे थे? क्या यह देश से ग़द्दारी नहीं कर रहे थे?
4- डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और हिंदू महासभा तीन राज्यों में जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ सरकार क्यों चला रहे थे?
क्या यह देश से ग़द्दारी नहीं थी?
5- स्वतंत्रता के बाद संघ परिवार के लोग तिरंगे का विरोध कर रहे थे और उसको अपने पैरों के तले कुचल रहे थे। क्या यह देश के साथ ग़द्दारी नहीं थी?
6- स्वतंत्रता के बाद कई वर्षों तक संघ परिवार राष्ट्रगीत जन गण मन का विरोध करता रहा। क्या यह देश के साथ ग़द्दारी नहीं थी?
7- देश का विभाजन रोकने के लिए सावरकर, गोडसे , श्यामाप्रसाद मुखर्जी , गोलवलकर आदि ने क्या किया ? कितनी बार जेल गए? कितनी बार लाठी खाई? कितने आंदोलन किए?
8- 1937 में हिंदू महासभा के अहमदाबाद अधिवेशन में सावरकर ने कहा कि हिंदू और मुसलमान दो राष्ट्र है और यही भारत के विभाजन की नींव पड़ी।
क्या सावरकर ने देश के साथ ग़द्दारी नहीं की?
9- सावरकर, गोडसे , RSS, श्यामाप्रसाद मुखर्जी आदि ने भगत सिंह और उनके साथियों को बचाने के लिए वक़ील क्यों नहीं खड़ा किया?
10- सावरकर, गोडसे , श्यामा प्रसाद मुखर्जी , RSS ने आज़ाद हिंद फ़ौज के सिपाहियों और अफ़सरों पर लाल क़िले में चल रहे मुक़दमे में वक़ील क्यों नहीं नियुक्त किए? क्या ये लोग नेताजी और देश के साथ ग़द्दारी नहीं कर रहे थे?

इन पंक्तियों के साथ मैं इस लेख को विराम देना चाहूँगा....
अब एक टीका मोहब्बत का बनाया जाए
जिसे इस देश में हर एक को लगाया जाए।
कोरोना से भी घातक है नफ़रत की महामारी
आओ सबको प्यार का योग सिखाया जाए।
नमन

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