हिंदू और हिंदुत्व
“धरम न दूसर सत्य समाना”
और
“परहित सरिस धरम नहिं भाई
पर पीड़ा सम नहिं अधमाई”
का ज्ञान देने वाले भगवान राम हिंदू
इंसान रहे न रहे उसकी आवाज़ को
यही आवाज़, यही जीवन दर्शन,यही
"हे ईश्वर इन्हें माफ़ कर देना
"तीर से घायल पक्षी को बचाते हु
गोडसे की गोली लगने पर "हे राम"
"किसी ज़रूरतमंद की सेवा में उठा
"पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पंडित भ
ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित
"नाहक़ ही तेरे दिल में भटकाव प
काबे में जो है शेख वही बुतकदे
पक्षियों को अपने खेत का अनाज चु
ए सबके सब हमें "सेवा और प्रेम"
क्योंकि ये सब जानते थे कि; "एको अहम्- द्वितीयो नास्ति"
कहने वाला ईश्वर ही कण कण में वि
हिन्दू धर्म कहता है कि इंसान, प्रकृति और प्रकृति जन्य तमाम वस्तुओं से जो निष्कामभाव से प्रेम करता है
वह ईश्वर को प्रिय होता है।
आरएसएस का हिंदुत्व वसुधैव कुटुम्बकम को नहीं मानता , वह इंसान इंसान में भेद करता है, अपने पराये की बात करता है, धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटता है......
नमन
No comments:
Post a Comment