चिराग जले या बुझे आफताब आएगा
कोई चाहे न चाहे इन्किलाब आएगा।
आज राहुल गांधी पर हर तरफ से पत्थर आ रहा है और पत्थर हमेशा फलदार वृक्ष की तरफ आते हैं, सब एकमत हैं, राहुल और कांग्रेस के ख़िलाफ़ हैं। यह इसलिए है क्योंकि कांग्रेस उनके स्वार्थ के रास्ते में आ रही है., सत्ता तक पहुँचने का उनका मार्ग अवरुद्ध कर रही है।
BJP तो खुलकर कांग्रेस मुक्त भारत का नारा बुलंद कर चुकी है क्यों की कांग्रेस उनकी लूट के खिलाफ है।
वो तमाम लोग जिनके लिए राजनीति व्यापार है, राहुल के ख़िलाफ़ हैं ।
ये वही लोग हैं जो कभी अंग्रेजों के साथ थे , उनकी चाटुकारिता करते थे और स्वतंत्रता आंदोलन का विरोध करते थे।
कांग्रेस से निकली ममता, केसीआर, जगनमोहन, अमरिंदर ... लिस्ट लंबी है, ये सब कांग्रेस को कमज़ोर करने में लगे हैं।
राहुल गांधी को बीजेपी के साथ आस्तीन के साँपों से भी लड़ना होगा।
संसाधन विहीन राहुल गांधी को रणभूमि में देखकर बरबस “रावण रथी -विरथ रघुवीरा” वाली रामचरितमानस की चौपाई याद आती है। राहुल गांधी की यह लड़ाई अपने लिए या कांग्रेस के लिए नहीं है।
राहुल गांधी जीतेंगे तो देश जीतेगा। सत्य राहुल के साथ है।
अगर हमने राहुल गांधी को यह लड़ाई हार जाने दी तो देश का भविष्य हार जाएगा। देश का अवाम राहुल गांधी की तरफ़ आशा भरी निगाहों से देख रहा है ।
भारत की संस्कृति, सभ्यता और राजनैतिक समझ का एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।
यह सत्य और असत्य, मोहब्बत और नफ़रत, मानवता और पशुता, ग़रीब और अमीर, आवाम और अडानी के बीच का संघर्ष है।
बिक रहा है देश इसको रोकना होगा
जो करे अन्याय उसको टोकना होगा।
अब अगर सोए रहे ऐ देश के वीरों
दर्द गुलामी का फिर से झेलना होगा।
देश एक ऐसे दुराहे पर खड़ा है जहाँ एक तरफ़ वे ताकते हैं जो देश की तमाम परिसंपत्ति को बेंच कर देश को पुन: आर्थिक ग़ुलामी के दलदल में ढकेलने जा रही है और दूसरी तरफ़ राहुल गांधी और कांग्रेस है जो मज़दूर , किसान, नौजवान, महिलाओं और दलितों की रक्षा और प्रगति के लिए दृढ़प्रतिज्ञ हैं।
आज अगर यह प्रगतिशील ताक़तें हार गई तो यह पूरे देश की हार होगी। उसका खामियाजा देश की आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा।
आँधी में वो चिराग जलते हैं
जो तूफ़ान से भी लड़ते हैं।
जंगजू हैं नहीं हारे हैं कभी
देश के लिए जीते मरते हैं।
क्या बिगाड़ेगी हमारा दुनिया
मौत से भी नहीं हम डरते हैं।
हम कायर नहीं कि छिप जाए
अपने सीने पर वार सहते हैं।
जब जंग नेकी और बदी में हो
नेकी पर जान हम छिड़कते हैं।
नमन
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