Monday 22 February 2021

मनुष्य होना एक दुर्घटना है

 


मनुष्य होना
एक दुर्घटना है
और
मनुष्य बने रहना
सतत संघर्ष...
नमन
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नमन के दोहे-
१- मैं पाथर पूजूँ नहीं पूजूँ मैं इंसान
तुझमें, मुझमें, सभी में है मेरा भगवान।
२- उसका घर तो हृदय है जिसमें रहता ईश
मंदिर मस्जिद गिरजाघर में नहीं बसे जगदीश।
३- क़ाबा और काशी में फ़र्क नहीं श्रीमान
फ़र्क है तेरे हृदय में जहाँ बसा शैतान।

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बेवजह सपने दिखाना छोड़िए
सब्र मेरा आज़माना छोड़िए।
पुराने वादे अधूरे हैं अभी
नित नई बातें बनाना छोड़िए।
चैन से कैसे बजाएं बाँसुरी
आग ख़ुशियों में लगाना छोड़िए।
बेटियों की लाज सड़कों पर लुटी
झूठ से हमे बरगलाना छोड़िए।
कहाँ हैं वो शहर जो स्मार्ट है
उनको जनता से छिपाना छोड़िए।
गंगा मइया गंदी की गंदी रही
आरती उनको दिखाना छोड़िए।
काला धन आया तो उसका क्या हुआ
पेट दाई से छिपाना छोड़िए।
काशी को काशी ही रहने दो अभी
काशी का क्योटो बनाना छोड़िए।
नमन

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इसे याचना मत समझो तुम
ये अधिकार किसानों का है।
हिंदुस्तान किसानों का है
नौजवान मज़दूरों का है।
बंद करो किसान पर जुल्म
वापस लो काला क़ानून।
बहरी दिल्ली लें तू सुन
वापस लो काला क़ानून।
देश पे जब भी विपदा आयी
किसानों ने लड़ी लड़ाई।
हो भारत छोड़ो आंदोलन
या हो अठारह सौ सत्तावन ।
लहू किसानों का ही बहा है
दर्द किसानों ने ही सहा हैं।
वही किसान पुकार रहा है
देश के आगे गुहार रहा है।
उठो देश के वीर जवानों
मज़दूरों और नौजवानों।
तुमको देश बचाना होगा
जूल्मी से टकराना होगा।
हुआ निरंकुश जो शासक है
उसको सबक़ सिखाना होगा।
उठो असम से और केरल से
उठो उड़ीसा अरुणाचल से।
उठो विंध्य और सतपुडा से
झारखंड और कर्नाटका से।
उठो बिहार से और बंगाल से
मेघालय और हिमाचल से।
जागो छत्तीसगढ़ तुम जागो
गोवा और गुजरात भी जागो।
दिल्ली पर पंजाब डटा है
उत्तर प्रदेश हरियाणा सटा है।
राजस्थान और एम पी जागो
उत्तराखंड के वीरों जागो।
जो सरकार है अंधी बहरी
वह सरकार हटानी होगी ।
यह किसान का देश यहाँ पर
उसकी सत्ता लानी होगी।
अडानी - अंबानी जागो
सुधरो या फिर देश से भागो।
जिन्ना के नाती तुम जागो
सुधरो या फिर तुम भी भागो।
सुधरो देश जलाने वालों
धर्म के नाम लड़ाने वालों।
सुधरो देश के ताना शाहों
गरीबों को सताने वालों।
बात हमारी लो तुम सुन
वापस लो काला क़ानून।
वापस लो काला क़ानून।
वापस लो काला क़ानून।
नमन

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