Wednesday, 7 October 2020

महात्मा

 

किसी ने धन माँगा किसी ने शोहरत माँगी

हमने माँगा तो हिंदुस्तान की बरकत माँगी।


वो जी हुजूरी कर रहे थे जब अंग्रेजों की 

हमने विद्रोह किया और शहादत माँगी।


कुछ लोग ज़िल्लत की रोटी खा रहे थे जब

हमने हुक्मरानों से जनता की हुकूमत माँगी।


वो तिरंगे को कुचलते रहे पैरों के तले

हमने तिरंगे पर मरने की इजाज़त माँगी।


जब महान गांधी को मारा उनकी नफ़रत ने

तब भी हमने उनसे सिर्फ़ मोहब्बत माँगी ।

नमन

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