Wednesday, 7 October 2020

किसान

 

मैं किसान हूँ

देश की शान हूँ

देश के लिए वरदान हूँ


मैं सीमा पर खड़े जवान

और उद्योग में काम कर रहे

मजदूर का बाप हूँ

उद्योगपतियों के गुलाम 

सत्ताधीश समझते हैं

मैं देश पर अभिशाप हूँ


मैं बैंकों का कर्ज़ लेकर 

विदेश नहीं भागता

कर्ज़ न भर पाने पर

आत्मसम्मान के लिए 

कर लेता हूँ आत्महत्या 

तब मैं कायर हूँ 

माँ बहनों की इज़्ज़त के लिए 

हथियार उठाऊं तो नक्सली

अन्याय के ख़िलाफ़ 

आवाज़ उठाऊं तो देशद्रोही हूँ


याद रखना 

सत्ता में बैठे 

पूँजीपतियों के गुलामों

मैं ही हूँ 

भारत की आत्मा

भारत का किसान

भारत का आत्मसम्मान....!

नमन

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