मैं किसान हूँ
देश की शान हूँ
देश के लिए वरदान हूँ
मैं सीमा पर खड़े जवान
और उद्योग में काम कर रहे
मजदूर का बाप हूँ
उद्योगपतियों के गुलाम
सत्ताधीश समझते हैं
मैं देश पर अभिशाप हूँ
मैं बैंकों का कर्ज़ लेकर
विदेश नहीं भागता
कर्ज़ न भर पाने पर
आत्मसम्मान के लिए
कर लेता हूँ आत्महत्या
तब मैं कायर हूँ
माँ बहनों की इज़्ज़त के लिए
हथियार उठाऊं तो नक्सली
अन्याय के ख़िलाफ़
आवाज़ उठाऊं तो देशद्रोही हूँ
याद रखना
सत्ता में बैठे
पूँजीपतियों के गुलामों
मैं ही हूँ
भारत की आत्मा
भारत का किसान
भारत का आत्मसम्मान....!
नमन
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