हो रही है शाम
सज रहे होंगे कोठे
स्टूडियो-लाइट- कैमरा
मेहमानों की सूची
मेकअप रूम
फ़रमाईशें पहले ही आ चुकी होगी
आज किसकी धुन पर नाचना है
किसे करना है सम्मोहित
नफ़रत के कौन से
सुर में गाना है
किसे करना है बरबाद
शो होना चाहिए
इतना ज़बरदस्त
कि लोग भुला दें
अपना सत्य
अपनी भूख-ग़रीबी
नौकरी -व्यापार
नाचें अपने-अपने घरों में
इनकी धुन पर
टीवी मीडिया की मार्फत
कोठों को घरों में उतार दिया है
इन्होंने
हमारे पुरखे
कोठों पर जाकर बर्बाद हुए
पर हमें बर्बाद होने के लिए
कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है
कोठे हमारे घरों में आ गए हैं।
नमन
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