Wednesday, 8 April 2020

तुम तो बस बातें बनाना सीख लो।



यहाँ
हर व्यक्ति
नफरत से भरा हुआ
एक घड़ा है
जो दूसरों के सिर पर
फूटने के लिए
तैयार खड़ा है।


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चलो फिर महफ़िल सजा लें
प्यार के कुछ गीत गा लें
तुम हँसो हम मुस्करा लें!
भले सूरज देर से निकले हमें क्या
जुगनुओं को क्या अंधेरा क्या उजाला
चलो तम से आज फिर पंजा लड़ा लें
चलते-चलते प्यार के कुछ गीत गा लें
तुम हँसो हम मुस्करा लें।
जन्म से ही मृत्यु से लड़ते रहे हैं
हम सदा संघर्ष ही करते रहे हैं
चलो उससे फिर से दो-दो हाथ कर लें
चलते-चलते प्यार के कुछ गीत गा लें
तुम हँसो हम मुस्करा लें।

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मौत पर दीपक जलाना सीख लो
सब्र अपना आज़माना सीख लो।
आपदाएँ जब खड़ी हो द्वार पर
घंटियाँ घर में बजाना सीख लो।
रहनुमा यदि रात को भी दिन कहे
चाँद को सूरज बताना सीख लो।
भूख जब तुमसे नहीं बर्दाश्त हो
डफलियाँ अपनी बजाना सीख लो।
बेवजह क्यों सत्य को हो ढूँढते
झूठ को ही सच बताना सीख लो।
क्यों बहाते हो पसीना तुम ‘नमन’
तुम तो बस बातें बनाना सीख लो।
नमन 

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