अभी अभी तो मोहब्बत में धोखे खाए हैं
अभी अभी हमारे ज़ख्म मुस्कराए हैं।
अभी अभी तो उसके इश्क़ में बदनाम हुए
अभी अभी तो सब अपने हुए पराए हैं।
अभी अभी तो उसकी बज़्म में रखा है क़दम
अभी अभी तो हमने अपने घर जलाए हैं।
अभी अभी तो ख़रीदार मिले हैं उसको
अभी अभी तो उसने अपने दाम लगाए हैं।
अभी अभी तो उसके गम में आँख रोई है
अभी अभी तो उसने हम पे सितम ढाए हैं।
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तेरी नज़रें कमाल करती है
मेरा जीना मुहाल करती है.
जब भी तुझसे नजर मिलाता हूँ
मुझसे लाखो सवाल करती है.
ये तेरी झुकी झुकी पलकें
मेरा दिल पामाल करती है.
क़त्ल करती है क़हर ढाती हैं
करतब बेमिसाल करती हैं.
तेरी नशीली और पनीली आंखें
कैसे कैसे बवाल करतीहैं.
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दुनिया में चंद दिन का जो मेहमान है
उसको ग़ुरूर है कि वही आसमान है।
उसको ग़ुरूर है कि वही आसमान है।
कल की ख़बर नहीं है न परसों का है पता
पर अपने खुदा होने का उसको गुमान है।
पर अपने खुदा होने का उसको गुमान है।
अंधा है उसके हाथ क्या बटेर लग गई
भक्त कह रहे हैं कि वो ईश्वर महान है।
भक्त कह रहे हैं कि वो ईश्वर महान है।
रावण कहूँ , दुर्योधन या दु:शासन कहूँ उसे
साधू का वस्त्र पहनता है पर शैतान है।
साधू का वस्त्र पहनता है पर शैतान है।
तुमने उसे गद्दी पे क्या बिठा दिया ‘नमन’
वह भूल गया है कि वह भी इंसान है।
वह भूल गया है कि वह भी इंसान है।
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