खो गया है देश का चैन और अमन
क़ातिलों के हाथ में अब है वतन.
क़ातिलों के हाथ में अब है वतन.
नाम लेकर राम और श्रीराम का
भीड़ हत्या कर रही है आदतन.
भीड़ हत्या कर रही है आदतन.
राम भी ख़तरे में है रहमान भी
भेड़ियों का शहर में है आगमन.
भेड़ियों का शहर में है आगमन.
नफ़रतों का हर तरफ़ साम्राज्य है
मज़हबी ज्वाला में जलता है चमन.
मज़हबी ज्वाला में जलता है चमन.
न्याय और क़ानून कल की बात है
देश में है राज डंडे का ‘नमन’
देश में है राज डंडे का ‘नमन’
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हमारा कत्ल कर कातिल हमें ठहराया गया
हमे ही लूटकर लुटेरा हमें बताया गया ।
हमे ही लूटकर लुटेरा हमें बताया गया ।
ए वतन तेरा है मेरा है हम सभी का है
मेरे अपनों को मगर बेवजह सताया गया ।
मेरे अपनों को मगर बेवजह सताया गया ।
जिस ज़मीन के लिए हमने शहादत दी थी
उसी माटी में हमें मार कर दफनाया गया।
उसी माटी में हमें मार कर दफनाया गया।
हमने मर कर भी वफ़ादारी निभाई लेकिन
हम पर ग़द्दारी का आरोप ही लगाया गया ।
हम पर ग़द्दारी का आरोप ही लगाया गया ।
नमन
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