Saturday, 18 May 2019

देश के युवकों के नाम खुला पत्र,
आज भारत का नवयुवक जो कुछ भी भुगत रहा है उसके लिए वह खुद जिम्मेदार है.  आज के 5 साल पहले चले जाइए, लगभग सभी अच्छे इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज एवं महाविद्यालयों में 80% से अधिक छात्रों का प्लेसमेंट उनकी अंतिम परीक्षा के पहले हो जाता था.
इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के बच्चों का छोड़िए अच्छे आर्ट्स के महाविद्यालयों तक के छात्रों का चयन कंपनियां कर लेती थी. परंतु हमारे देश के नौजवानों को नौकरी की जरूरत बिल्कुल नहीं थी, अतः उन्होंने छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में देश की बागडोर दे दी जो यह कहता था कि पाकिस्तान को प्रेम पत्र लिखना बंद करिए मनमोहन सिंह जी.
हालांकि वह देश के पहले प्रधानमंत्री बने जिन्होंने अपने प्रधानमंत्री पद की शपथ पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को बुला लिया, जिसे अभी कुछ महीने पहले तक पानी पी पीकर गाली देते थे .
अभी कल ही उन्होंने खुद भी पाकिस्तान को प्रेम पत्र लिखा है.
हमारे देश के नौजवानों ने एक ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री चुना जिसने उनसे वादा किया था कि वह देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कर देगा. प्रधानमंत्री बनने के 4 वर्ष  6 महीने बाद तक उस व्यक्ति ने लोकपाल की नियुक्ति नहीं की.  उन्हे डर था कि अगर लोकपाल के नियुक्ति हुई थी उनका आधा मंत्रिमंडल जेल में होगा.

कांग्रेस ने 2G, कोयला आदि घोटालों में जितने लोगों को जेल भेजा था उन्हें पिछले 5 साल में बाइज्जत बरी कर दिया गया . मानो कोयला और 2जी घोटाला हुआ ही नहीं, और सबसे बड़ी बात यह रही की कोयला और 2जी घोटाले के आरोप कांग्रेस के जिन नेताओं पर लगे थे जिनमें से कोई भी इन 5 वर्षों में गिरफ्तार तक नहीं हुआ.
अब भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं है . हालांकि सहारा- बिरला डायरीओं में , येदयुरप्पा की डायरी में खुद प्रधानमंत्री के नाम मिले हैं.. राफेल डील का भ्रष्टाचार और आनंदीबेन की बेटी को दिए गए लगभग 425 एकड़ सरकारी जमीन में हुआ भ्रष्टाचार आदि की बात छोड़ दीजिए, उनकी जांच सीबीआई को नहीं सौंपी जाएगी ...
क्योंकि यह सारे आरोप खुद प्रधानमंत्री पर हैं.
कांग्रेस शासन में कोयला घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर आरोप लगे थे और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद वह मामला सीबीआई को सौंप दिया था और अपने खिलाफ जांच करवाई थी.
देश के नौजवानों ने एक ऐसे व्यक्ति को वोट दे दिया जिसने रात को 10 बजे बिना रिजर्व बैंक से पूछे यह कहते हुए नोटबंदी घोषित कर दी कि अगले 50 दिन में देश से आतंकवाद और नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा और देश से सारा काला धन खत्म हो जाएगा. हालत यह थी कि उन्हें यहां तक नहीं पता था कि नोटों के साइज बदल दिए गए हैं और एटीएम के बॉक्स के साइज नहीं बदले गए हैं .
उन्होंने देश के आर्थिक प्रबंधन को मजाक बनाकर रख दिया . नोट बंदी के पहले 50 दिन में 55 बार नियम बदले गए . उन्होंने यह भी कहा था कि अगर आतंकवाद और नकसलवाद का समूल  नाश नहीं हुआ तो आप मुझे चौराहे पर फांसी पर चढ़ा देना.
इस देश के नौजवान ने एक ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना दिया जिसमें देश के उद्योगों को खत्म कर दिया, जिसके कारण सरकारी बैंकों का एनपीए 11 लाख करोड़ के ऊपर पहुंच गया.. लाखों उद्योग बंद पड़ गए और उद्योग बंद पड़ने की वजह से नौजवानों की नौकरियां चली गई.
देश के नौजवानों ने एक ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बना दिया जो जीएसटी, मनरेगा, आधार और एफडीआई आदि का पिछले 10 वर्षों से विरोध कर रहा था और देश की अर्थव्यवस्था में पलीता लगा रहा था. हालांकि वह आज उन्हीं सारी योजनाओं को लागू करने की क्रेडिट ले रहा है.
देश के नौजवान ने एक ऐसे व्यक्ति को वोट दे दिया जो सुरक्षा मामलों में भी सुबह से शाम तक झूठ बोलता है और छद्म राष्ट्रवाद की बात करता है. इसी छद्म राष्ट्रवाद के पीछे छिपकर वह देश को बर्बाद कर रहा है.

आज देश में औसतन 107 महिलाओं के साथ प्रतिदिन बलात्कार हो रहा है परंतु बेटी बचाओ का नारा देने वाला हुआ व्यक्ति महिलाओं की बात नहीं करता उल्टा उसकी पार्टी के नेता बलात्कारियों के पक्ष में मोर्चा निकालते देखे गए हैं और कई केंद्रीय मंत्री हत्यारों का स्वागत करने में अपने आप को धन्य समझते हैं.

देश के युवक फिर उसी छद्म राष्ट्रवादी को वोट करने जा रहे हैं,
अपनी बर्बादी को वोट देने जा रहे हैं...
देश के युवकों को बेरोजगारी मुबारक ! झूठ मुबारक !
देश की बर्बादी मुबारक!
'नमन'

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