कोख न उजड़े किसी माँ की वो भारत चाहिए
मांग का सिंदूर न उजड़े वो भारत चाहिए।
सिर्फ बातों और वादों की सियासत जो करे
देश को मेरे न अब ऐसी सियासत चाहिए।
दुश्मनों के वार हम सीने पर सहते आए हैं
दुश्मनों को मिटा देने की महारत चाहिए।
देश की खातिर जीएं और देश पर ही मर मिटे
हिन्दू मुस्लिम सबके दिल मे वह मोहब्बत चाहिए।
हम नहीं कायर न कायरता हमारा धर्म है
युद्ध भूमि मे मरे यह दिल मे हसरत चाहिए। 'नमन'
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