वो जननी है मेरी वो बोझ मेरा सब उठाती है
वो मेरी बहन है वो स्नेह का झरना बहाती है।
वो मेरी प्रेयसी है मेरे ख्वाबों को सजाती है
वो बीबी है मेरी और घर मेरा वो ही चलाती है ।
मेरी दादी - मेरी चाची, मेरी बुआ- मेरी भाभी
सब मुझ से प्रेम करती हैं मेरे नखरे उठाती है ।
वो मेरी बेटी हैं वही मेरे दिल का टुकड़ा है
मेरे आंगन में खुशियां और बहारें वो ही लाती है।
वो मेरी प्रेयसी है मेरे ख्वाबों को सजाती है
वो बीबी है मेरी और घर मेरा वो ही चलाती है ।
मेरी दादी - मेरी चाची, मेरी बुआ- मेरी भाभी
सब मुझ से प्रेम करती हैं मेरे नखरे उठाती है ।
वो मेरी बेटी हैं वही मेरे दिल का टुकड़ा है
मेरे आंगन में खुशियां और बहारें वो ही लाती है।
मैं उसको चाहता हूँ और उससे प्यार करता हूँ
मैं उसको पूजता हूँ आज फिर इकरार करता हूँ. नमन
मैं उसको पूजता हूँ आज फिर इकरार करता हूँ. नमन
No comments:
Post a Comment