Saturday 26 May 2018

कोई माने न माने


कोई माने न माने
मोहब्बत संक्रामक रोग है
मेरी मोहब्बत के
संक्रमण से उसकी आँखें लाल हैं
गालों पर सुर्खी है
होठों पर गीत हैं
आवाज़ में खनखनाहट है
मैं जानता हूँ
यह सब
आने वाली बहार की आहट है.  'नमन'


मंचों से बकैती
जेबों पर डकैती
शहरों में फिरौती
राजनीती में बपौती
बाबाओं की पनौती
और नेताओं में  छिनरौती आम है
बद अच्छा है
और अच्छा बदनाम है
पापियों का नारा
जय श्रीराम है.    'नमन'

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