Thursday 24 August 2017




अब तो जीना भी भार लगता है
मुस्कुराने का मन नहीं करता.
अब न मंजिल न रास्तों की तलाश
दिल कोई आरजू नहीं करता.
जिसको चाहा और की जिसकी पूजा
प्यार वह मुझसे अब नहीं करता.
मेरे आंसू ही मेरे साथी हैं
कितना भी रो लूं जी नहीं भरता.
लोग नफ़रत करें या प्यार करें
'नमन' अब फिक्र भी नहीं करता.
नमन

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