Tuesday, 14 March 2017

कविता


जब भी 
वेदना को मिलते हैं स्वर 
गढ़ी जाती है 
एक कविता
कविता 
ह्रदय की भाषा है
आत्मा का
श्रृंगार है कविता
कविता
सिर्फ शब्दों का मायाजाल नहीं है
कविता है
मनुष्य की उत्सवधर्मिता
भविष्य की चेतना
समाज का संघर्ष
कवि
कविता करता नहीं
कविता जीता है अपने अंदर
कवि होना
अच्छा मनुष्य होना है
प्रेम, त्याग ,बलिदान
और राष्ट्रप्रेम की थाती है कविता
कविता करती है आज का मूल्यांकन
कविता देती है कल के लिए संदेश
कविता दोहराती है बीत चुके कल को
नमन

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