प्रश्न ?
क्या करते हो ?
मैंने कहा -मोहब्बत
क्या कहा ! मोहब्बत
इससे भी भला किसी का पेट भरता है
फिर खाते क्या हो?
गालियां, मैंने जवाब दिया
उसकी आँखों में आश्चर्य था
गालियां क्यों?
क्यों की मैं मोहब्बत करता हूँ
मैं समझा नहीं, वह अचकचाया
फिर प्रश्न किया-
ये फटेहाल क्यों हो
इसलिए की मैं मोहब्बत करता हूँ
मेरा जवाब था
उसने मेरा कालर पकड़ लिया
स्साले !
ये मोहब्बत -मोहब्बत क्या लगा रखा है
इसलिए की मुझे और कुछ आता ही नहीं
अब वह मुझे पीटते हुए हांफ रहा था
सुबह-सुबह
दिमाग का दही बना दिया
मोहब्बत -मोहब्बत रटे जा रहा है
पागल है स्साला
उसने मुझे एक तरफ धकेल दिया
और सड़क पर निकल रहे जुलुस की
सुरक्षा में लग गया
भीड़ नारे लगा रही थी
.......... मुर्दाबाद !
.......... हाय- हाय !
नमन
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