टाटों पर बैठ कर
उन्होंने की थी पढ़ाई
टूटी फूटी मडई में
कभी आम तो कभी
बरगद या नीम की छांव में
मुंशी जी की छड़ी से
गढ़े गए थे इंसान
पढ़ाया गया था उन्हें
देश प्रेम का पाठ ...
उन्होंने की थी पढ़ाई
टूटी फूटी मडई में
कभी आम तो कभी
बरगद या नीम की छांव में
मुंशी जी की छड़ी से
गढ़े गए थे इंसान
पढ़ाया गया था उन्हें
देश प्रेम का पाठ ...
काठ की काली की गई
पटरियों पर
उन्होंने लिखे
अनंत शुभ्र सुंदर लेख
नाक सुडकते हुए
वे गाते रहे
सरस्वती वंदना और राष्ट्रगीत ...
पटरियों पर
उन्होंने लिखे
अनंत शुभ्र सुंदर लेख
नाक सुडकते हुए
वे गाते रहे
सरस्वती वंदना और राष्ट्रगीत ...
नहीं दी उन्होंने
देश को गाली
नहीं रोया गरीबी का रोना
नहीं कहा अपने पितामह
और प्रपितामह को नालायक ...
देश को गाली
नहीं रोया गरीबी का रोना
नहीं कहा अपने पितामह
और प्रपितामह को नालायक ...
गरमी की धूप में
नंगे पैर
मीलों चलकर
पहुंचे स्कूल
रचा प्रगतिशील भारत ...
नंगे पैर
मीलों चलकर
पहुंचे स्कूल
रचा प्रगतिशील भारत ...
हजारों
आईएएस-आईपीएस-आईआरएस
उस दिन बन गए
जिस दिन पंडित जी ने पहली बार
उन्हें बनाया था मुर्गा
अपना कान पकड़ते पकड़ते
उनकी पकड़ में कब आ गई
देश की नब्ज
खुद उन्हें भी पता न चला ...
आईएएस-आईपीएस-आईआरएस
उस दिन बन गए
जिस दिन पंडित जी ने पहली बार
उन्हें बनाया था मुर्गा
अपना कान पकड़ते पकड़ते
उनकी पकड़ में कब आ गई
देश की नब्ज
खुद उन्हें भी पता न चला ...
छाती फुलाकर
देशप्रेम का गीत गाते गाते
फटे चकती लगे कपड़ों में से
प्रकट हो गए
कितने ही उत्कृष्ट वक्ता
नायक -महानायक ....
देशप्रेम का गीत गाते गाते
फटे चकती लगे कपड़ों में से
प्रकट हो गए
कितने ही उत्कृष्ट वक्ता
नायक -महानायक ....
और आज
स्कूल और कॉलेज के
वातानुकूलित भवन
पैदा कर रहे हैं
उद्योगों में काम करने वाले
टेक्निकल मजदूर यानी इंजीनियर
उद्योगपतियों की जी हुजूरी करने वाले क्लर्क- एम.बी.ए.
खून चूसने वाले डॉक्टर
सफेद को काला
और काले को सफेद करने वाले
अधिवक्ता
देश को खोखला करने वाले नेता....
स्कूल और कॉलेज के
वातानुकूलित भवन
पैदा कर रहे हैं
उद्योगों में काम करने वाले
टेक्निकल मजदूर यानी इंजीनियर
उद्योगपतियों की जी हुजूरी करने वाले क्लर्क- एम.बी.ए.
खून चूसने वाले डॉक्टर
सफेद को काला
और काले को सफेद करने वाले
अधिवक्ता
देश को खोखला करने वाले नेता....
आज
प्रगति के शिखरों पर बैठे हैं
अकर्मण्य -अभिशप्त
आधे-अधूरे मानव शरीर
आधे-अधूरे मानव शरीर...
'नमन'
प्रगति के शिखरों पर बैठे हैं
अकर्मण्य -अभिशप्त
आधे-अधूरे मानव शरीर
आधे-अधूरे मानव शरीर...
'नमन'
Greetings. I like poetry too. Love love, Andrew. Bye.
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