Saturday, 18 February 2017

मजबूत रिश्ते



तुम जो आए तो चिरागों को मिल गई मोहलत
फिर उसके बाद महफिल में अँधेरा न रहा. नमन


----

उनको आईना दिखाने की हिमाकत की है
उनको उनसे ही मिलाने की शरारत की है.
इस अंधेरे की काली सियासत के खिलाफ 
आज एक छोटे से दीपक ने बगावत की है. नमन


----

गिरने, उठने, संभलने में ही सारी जिंदगी बीती
मोहब्बत के लिए दुनियां ने वक्त ही न दिया.
नमन


----
कोई मेरे गीत गाए, कोई मुझ से दिल लगाए
कोई मुझ पर आशना हो, कोई मेरे दिल को भाए.
कोई साथ साथ मेरे, कुछ कदम तो चल के देखे
कोई मेरी मोहब्बत में कुछ पल तो मुस्कुराए.
कोई मेरा दर्द समझे, मेरे दिल का हाल जाने
कोई मेरा ख्वाब बनकर मेरी जिंदगी में आए.
कोई मेरे आंसुओं से, लिखे इश्क की कहानी
कोई बेवजह ही मुझको, अपने गले लगाए.
नमन

----

ये मेरे कातिल की हाँ में हाँ मिलाता है
इस तरह दिल मेरा मुझसे दुश्मनी निभाता है.
नमन

----

तड़प तड़प के मरूंगा मुझे पता है ए
मेरी खता ए है कि मैंने मोहब्बत की है.
नमन

----

बर्बाद मुझे मेरे दोस्तों ने किया है 
इल्जाम दुश्मनों पर लगाता रहा हूं मैं. नमन

----

ए इश्क का नशा भी बड़ा ही अजीब है
जब होश में आए तो घर उजड़ा हुआ मिला. 
वाकिफ हूँ हुश्न तेरी हर एक अदा से मैं
जिस पर मेरा दिल आया वही बेवफा मिला. 
नमन

----

दिलों के जख्म है नासूर हो कर बहते हैं
इतने आँसू वरना किस आँख से निकलते हैं. 
नमन

----

बहुत मजबूत रिश्ते हैं मेरे कमजोर लोगों से
उनकी भूख,उनका दर्द,आंसू सब हमारे हैं. नमन

No comments:

Post a Comment