समयानुसार
रंग बदलने में
सरकार ने
पीछे छोड़ दिया है
गिरगिट को
आखिर अस्तित्व का
प्रश्न है ...
काले से सफ़ेद
और
काले से भगवा होने में
अंतर है
यही वह जादुई मंतर है
जिससे
सत्ता मालामाल
और
जनता ठन-ठन गोपाल है...
'देश' गायब है
सत्ता और विपक्ष के
बीच से
सरकार कह रही है
'देश' सीमा पर है
विपक्ष नकार रहा है
जनता ठिठुर रही है
कडाके की ठण्ड में
बैंक की लाईनों में खड़े-खड़े
'देश' के लिए ,,,!
'नमन'
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