Thursday 3 November 2016

----जमूरा---- 
एक है मदारी
एक है ज़मूरा
खेल का मैदान
देश ये पूरा .....



मदारी बजाता है
नागपुरी हिंदुत्व की डुगडुगी
ज़मूरा उछलता है
कूदता है
चीखता है
चिल्लाता है ....

राम मंदिर के बनाने के नाम पर
कुछ दे दे बाबा
लोकपाल बनाने के नाम पर
कुछ दे दे बाबा
भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर
कुछ दे दे बाबा
विकास के नाम पर
कुछ दे दे बाबा
१५ लाख बैंक में जमा कराउंगा
कुछ दे दे बाबा
एक के बदले दस पाकिस्तानी सर लाउंगा
कुछ दे दे बाबा
चौकीदारी करूँगा
कुछ दे दे बाबा...

मेक इन इंडिया के लिए
कुछ दे दे बाबा
नवाज़ के केक के लिए
कुछ दे दे बाबा
विदेश यात्रा के लिए
कुछ दे दे बाबा
सूट बूट के लिए
कुछ दे दे बाबा
पूंजीपतियों की लूट के लिए
कुछ दे दे बाबा...

भीड़ ताली बजा रही है
जेबें कट रहीं हैं
गैस के भाव आसमान पर
रेल का किराया विमान के बराबर
दवा का भाव औकात के बाहर
फुफकारता सर्विसे टैक्स
दहाड़ता इनकम टैक्स
ललकारती दाले
ललचाती सब्जियां
गुर्राता पेट्रोल का दाम
सब कह रहे हैं
कुछ दे दे बाबा
कुछ दे दे बाबा !!!
'नमन'

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