हिंदी
भारत माता के माथे की बिंदी है
सबसे प्यारी है तू मेरी हिन्दी है।
सूरदास का पावन मन है
तुलसी की रामायण है
तू कबीर की साखी है
तू ही मीरा का वंदन है।
भारत माता के माथे की
बिंदी है
सबसे प्यारी है तू मेरी
हिन्दी है।
भारतेन्दु के मन की भाषा
है प्रसाद की तू अभिलाषा
नागार्जुन, अज्ञेय सभी से
तू पूजित है, वंदित है।
भारत माता के माथे की बिंदी है
सबसे प्यारी है तू मेरी हिन्दी है।
तू आवाज़ बनी जन जन की
स्वतंत्रता के पावन रण
की
तुझसे ही अभिमंत्रित करके
हमने पूजा की जन गण की ।
भारत माता के माथे
की बिंदी है
सबसे प्यारी है तू
मेरी हिन्दी है।
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन नीरजा भनोट और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteधन्यवाद् हर्षवर्धन जी। मैने अभी अभी आपका बुलेटिन देखा। अच्छा अनुभव रहा।
Deleteआपको नमन
भिन्न-भिन्न रूपों में व्याप्त हुई तू परम आनंदी है !
ReplyDeleteशुक्रिया प्रतिभा जी। मेरी रचनाओं को आपका स्नेह मिलता रहे ..यही अपेक्षा..
Deleteनमन
बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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आपका आभारी हूँ। आपका रचना संसार काफी वृहद् है। कोशिश करुगा कि उसका आनंद ले सकूँ।
Deleteनमन