Thursday 8 September 2016


                             सच 

अगर तेरी मोहब्बत सच है तो सच खूबसूरत है
अगर ये है भरम तो भी मुझे इसकी जरूरत है| 


     =     =      =      =      =  

तुम मेरी मोहब्बत पे ऐतबार न करना
गर इश्क भी हो जाये तो इकरार न करना.
मैं बेवफा हूँ, बेरहम हूँ, बद -दिमाग हूँ
तुम मेरे प्यार को कभी स्वीकार न करना. 


       =              =            =

दर्द में मुस्कराना चाहता हूँ 
गम को गले लगाना चाहता हूँ
मोहब्बत नाम है दीवानगी का
होश अपना गंवाना चाहता हूँ. 


   =            =            =

पहले सरकारें हुआ करती थी अब 'सरकार' हैं
मोहब्बत के देश में नफरत पैरवोकार हैं.


देश में अब हर तरफ आतंक ही आतंक है
मुसलमानों और दलितों में मचा हडकंप है.


देश जिनके हाथ में है वे विदेशी हो रहे
और हम हैं कि उन्हें कंधे पे अपने ढो रहे.


वादा उनका अब सिर्फ एक जुमला हो गया
ऐसा लगता है मेरे ख्वाबों पे हमला हो गया.


मर रहे किसान तो मरने दो वो मरते रहें
पर साहब जब करें बस मन की ही बातें करें. 'नमन'


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