रूह
रूह से रूह को मिल जाने दो तुम ना न करो
तुम हमें अपनी मोहब्बत में परेशां न करो.
तुम हमें अपनी मोहब्बत में परेशां न करो.
हम तो वो हैं जिसे बदन से कोई काम नहीं
आत्माओं का मिलन होने दो ना-ना न करो.
आत्माओं का मिलन होने दो ना-ना न करो.
हमने कान्हा से और राधा से मोहब्बत सीखी
तुम भले दूर रहो इश्क को रुसवा न करो.
तुम भले दूर रहो इश्क को रुसवा न करो.
धड़कने दिल की थम न जाएँ कहीं
आप बन-ठन के यूँ निकला न करो.
कौन कहता है मेरी सेज सजाने आओ
मेरे ख्वाबों में रहो तुम हमें तनहा न करो. नमन
मेरे ख्वाबों में रहो तुम हमें तनहा न करो. नमन
x x x x
चल पड़ा है वो दिल में आस लिए
अपने कंधे पे अपनी लाश लिए.
भटक रहा है इन अंधेरों में
आँख में अपनी ही तलाश लिए.
आँख में अपनी ही तलाश लिए.
वो ढूढता है मोहब्बत अपनी
मन में खिलते हुए पलाश लिए.
मन में खिलते हुए पलाश लिए.
भीड़ में तनहा घूमता है वो
बाँहों में अपना ही आकाश लिए. नमन
x x x x
छिप छिप के आँख लड़ाने का चलन अब न रहा
इश्क में खुद को मिटाने का चलन अब न रहा .
इश्क में खुद को मिटाने का चलन अब न रहा .
अब तो पल-पल में लोग यार बदल लेते हैं
इश्क में रोने रुलाने का चलन अब न रहा . नमन
इश्क में रोने रुलाने का चलन अब न रहा . नमन
x x x x
वो मेरा नहीं होगा मैं ये जानता था पर
गजलों में मैंने उसको अपना यार लिख दिया.
जब पड़ गया बीमार तो मेरे हकीम ने
गजलों में मैंने उसको अपना यार लिख दिया.
जब पड़ गया बीमार तो मेरे हकीम ने
मेरा इलाज़ प्यार का इकरार लिख दिया. नमन
x x x x
मैने जजबात लिखे
उसने शिकायत लिख दी
मैने मोहब्बत लिखी
उसने रिवायत लिख दी।
उसने शिकायत लिख दी
मैने मोहब्बत लिखी
उसने रिवायत लिख दी।
मै दुवा देता रहा
उसको उसका यार मिले
उसने गुस्से में उम्र भर की
खिलाफत लिख दी।
नमन
उसको उसका यार मिले
उसने गुस्से में उम्र भर की
खिलाफत लिख दी।
नमन
No comments:
Post a Comment