Thursday 18 August 2016

दुवा



तू दुवा कर कि मेरी याददाश्त खो जाए
तेरे बिछुड़ने गम से निजात हो जाए। 

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एक मुद्दत हुई तू हमसे दूर है लेकिन
तेरी यादें हमें तन्हा नहीं होने देती।
बेमुरव्वत ही सही बेवफा नहीं हूँ मैं
तेरी बातें हमें अक्सर नहीं सोने देती। 

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लहलहाता है तिरंगा आसमाँ पर शान से 
आज का दिन देश ने देखा बहुत बलिदान से।
पीढियों दर पीढियों ने रक्त अपना था दिया
तब कहीं अँग्रेज भागा था इस हिंदुस्तान से।

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बेवफाई का मैं गैरों पर क्या इल्जाम लगाऊ
मेरा दिल और मेरे आंसू तक मेरे न हुए।  

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होठों पे हँसी, दिल मे दर्द और आँख मे पानी
दिन कैसे -कैसे हमको दिखाती है जवानी।  

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आँखों में जिसके ख्वाब पाले थे
उसीने आँखें फेर ली हमसे।  

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अजान उसने दी कि आओ इबादत कर लो
जवाब हमने दिया हमने मोहब्बत कर ली ।


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तेरे ख्याल हमेशा हमारे पास रहे
और हम थे की फिर भी सदा उदास रहे। 

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आपके दिल में आजकल मुकाम है मेरा
लोग कहते हैं 'नमन' अब गुलाम है तेरा।

'नमन'












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