--- प्रधान मंत्री मोदीजी के नाम खुली चिट्ठी --
आप भारत के प्रधानमंत्री हैं और हम सब भारतीय आपका आदर करते हैं। आपका सम्मान करने का अर्थ है की हम सब भारत की १२५ करोड़ जनता की इच्छाओं और आकांक्षाओं का सम्मान करते है। उस व्यक्ति का सम्मान करते हैं जिसके हाथों में हमने भारतीय प्रजातंत्र की रक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है।
आप सिर्फ बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं हैं। आप सिर्फ गुजरात के नहीं हैं या संसद में सिर्फ वाराणसी का प्रतिनिधित्व नहीं करते बल्कि पूरे देश के हर एक व्यक्ति के प्रतिनिधि हैं। आप JNU के विद्यार्थियों के भी प्रतिनिधि हैं।
JNU में पिछले दिनों जिन व्यक्तियों ने भारत विरोधी नारेबाज़ी की वह दुर्भाग्य पूर्ण है। दोषी व्यक्ति चाहे वे JNU के विद्यार्थी हों, प्राध्यापक हों या बाहरी व्यक्ति हों, सब के सब कठोरतम सज़ा के हक़दार हैं। परन्तु बिना पूरी जांच के अपनी सुविधानुसार दिल्ली पुलिस और भारतीय जनता पार्टी ने JNU के सारे विद्यार्थियों और प्राध्यापको को देश द्रोही करार दे दिया है। क्या आप जानते है की जिस सुनुयोजित ढंग से यह प्रचार किया जा रहा है की न केवल JNU बल्कि हैदराबाद, जाधवपुर और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र देशद्रोही है देश के लिए कितना घातक है ?
मै पूरे विश्वास और ज़िम्मेदारी से यह कहना चाहूँगा की इस देश का छात्र और नौजवान किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता से जादा देश भक्त है। देश के युवकों ने और विशेषकर जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री लेने वाले हजारों नौजवानों ने सेना में रह कर न केवल देश की सेवा की है बल्कि शहादतें भी दी हैं और आपकी पार्टी और सरकार JNU को देशद्रोहियों का अड्डा बता रही है। क्या कुर्सी और सत्ता आपकी पार्टी के लिए देश से जादा जरुरी हो गए हैं वोट के लिए आपकी पार्टी अपने ही देश के नौजवानों को देशद्रोही बताने में लगी है ?
दिल्ली पुलिस ने एक चैनेल विशेष के द्वारा प्रसारित विडिओ के आधार पर बिना जांच पड़ताल के JNU छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैयालाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया। बाद में उस विडिओ के प्रोड्यूसर ने स्वयं यह कहा है की मैंने जो टेप टीवी चैनेल को सौंपा था उसमे कन्हैयालाल सिंह ने पाकिस्तान जिंदाबाद या भारत विरोधी नारे नहीं लगाये थे। अब क्या दिल्ली पुलिस के उन अफसरों जिन्होंने कन्हैयालाल सिंह को गिरफ्तार करके उस पर देश द्रोह के झूठे आरोप लगाये, निलंबित नहीं किया जाना चाहिए। क्या दिल्ली के पुलिस कमिश्नर बस्सी को अभी भी कुर्सी पर बने रहने का अधिकार है?
न तो कन्हैया ने वह कार्यक्रम आयोजित किया था न तो उसके छात्र संघ ने जिसमे देश के खिलाफ नारे लगे थे । अगर सिर्फ JNU छात्र संघ का अध्यक्ष होने के कारण कन्हैयालाल सिंह को देश द्रोही कहा जा सकता है तो सबसे बड़े दोषी तो JNU के V. C. हैं, JNU कैम्पस में हो रही हर घटना के लिए वे सीधे सीधे जिम्मेवार हैं। आपकी सरकार ने उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की ? और अगर नहीं की तो क्यों नहीं की ?
क्या यह दिल्ली पुलिस और केन्द्रीय गृह मंत्रालय की अक्षमता नहीं दर्शाता की कुछ लोग JNU परिसर में मुंह पर मफलर लपेटे देशद्रोही नारे लगाते हैं और दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार का पूरा तंत्र उन्हें पकड़ पाने में आज तक विफल रहा है ?
क्या दिल्ली पुलिस केन्द्रीय गृह मंत्रालय के दबाव में बेगुनाह छात्रो को प्रताड़ित नहीं कर रही है ? जिन्होंने देश के खिलाफ नारे लगाये उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए , उन्हें दण्डित किया जाना चाहिए , पर क़ानून के दायरे में रह कर। दिल्ली पुलिस की कस्टडी में कन्हैया को बीजेपी संगठन से गुंडों ने पीटा और दिल्ली पुलिस मूक दर्शक बन कर देखती रही। क्या यह दिल्ली पुलिस पुलिस की अक्षमता नहीं है ?
पटियाला कोर्ट के प्रांगण में बीजेपी संगठन से जुड़े वकीलों ने पत्रकारों को पीटा और दिल्ली पुलिस हाथ बांधे खड़ी देखती रही। क्या यह दिल्ली पुलिस की अक्षमता नहीं दर्शाता ? या कहीं इन सब मे आपकी सरकार की मूक सहमती थी ?
बीजेपी के एक विधायक सी.पी.एम. कार्यकर्ता को दौड़ा दौड़ा कर पीटते रहे और उसे जान से मारने की धमकी देते रहे। पुलिस तमाशबीन बनी देखती रही। क्या उपरोक्त घटनाओं से पुरे देश में यह सन्देश नहीं गया की पुलिस शासकीय पार्टी के नेताओं के पैर की जूती है ?
आदरणीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के काल में दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की जासूसी एजेंसियां जितनी असहाय दिख रहीं हैं , इतना इसके पहले कब थी? पिछले साल भर में दिल्ली मे अपराधों में १००% की वृद्धि हुयी है और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बस्सी साहब कुछ नहीं कर पा रहे हैं। क्या कभी आपने उनसे पूंछा की क्यों ?
आपसे नम्र विनती है की बीजेपी नेताओं से कहें की वे देश के छात्रो और युवाओं को देशद्रोही करार देना बंद करें। उनमे जातिवाद और धर्मान्धता का विष बोना बंद करें। अगर बीजेपी नेताओं माने तो जो भी बीजेपी के सिद्धांतो को नहीं मानता वह देश द्रोही है। कृपया उनकी सोच बदले। देश जोड़ें - देश बनाये।
जय हिन्द !
आपका,
नमन
No comments:
Post a Comment