Wednesday 17 February 2016

BJP & Pakistan

शेरों की तरह रन मे डकारे जाओ, भरते हुये मैदान मे तरारे जाओ
दुश्मन न मरे तुमसे जो कोई तो, इतना तो करो डींग ही मारे जाओ।
बीजेपी जब भी सत्ता में आती है देश की सुरक्षा खतरे में पड़ती है. इनके कागज़ी शेर नेता बोलते जादा हैं और काम नहीं के बराबर करते हैं| इस बार भी सत्ता में आते ही मोदीजी ने पकिस्तान के सामने घुटने टेक दिए| अपने शपथ ग्रहण समारोह में बदमाश नवाज़ को बुला कर उनकी खातिरदारी में रात दिन एक कर दिया|
इस तरह मोदीजी बदमाश नवाज़ से मिले की दुनिया को लगा की दो बिछुड़े भाई गले मिल रहे हो| मिठाई, शाल, साड़ियों का ऐसा आदान प्रदान हुआ की पूरा देश दंग रहगया|
नवाज़ के पकिस्तान पहुंचते ही नवाज़शरीफ की पाक फौज अपनी नापाक हरकत पर उतर आई| सीमा पर भयंकर गोलाबारी में कई भारतीय सैनिक शहीद होगए, पर मोदीजी बाज़ नहीं आये और बिन बुलाये बदमाश नवाज़ के जन्म दिन पर केक खाने पहुँच गए|
इस बीच मोदीजी और रामदेव के परम मित्र वेदप्रताप वैदिक पकिस्तान जाकर हाफ़िज़ सईद से खूब मिले और बिरयानी का लुत्फ़ उठाया| ' वैदिक' जी बड़े मज़े से एक ऐसे आतंकवादी से गले मिल रहे थे फोटो खिंचवा रहे थे जिसके बारे में पाकिस्तान सरकार कहती है की वह पाकिस्तान में है ही नहीं|
इस मुलाकात के बाद कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों ने जोर पकड़ लिया| फिर कश्मीर और पंजाब (पठानकोट) में कई आतंकी हमले हुए पर मोदीजी का पकिस्तान प्रेम बढ़ता जा रहा है.
इसके पहले भी जब आदरणीय बाजपेयी जी प्रधानमंत्री बने थे तो उनके पकिस्तान प्रेम के कारण कारगिल की घुसपैठ हुयी और हज़ारों भारतीय जवानों की जान गई..| कारगिल को लगभग १६ साल हो गए हैं और बीजेपी नेता कारगिल का सबक भूल गए हैं| आईये कारगिल का सच जाने...
बीजेपी और कारगिल का सच –
* नवंबर 1998 से अप्रेल 1999 के बीच कारगिल –द्राक्ष सेक्टर मे पाकिस्तान ने 1000 से 1200 किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।
* उस समय भारतीय प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी लाहौर बस यात्रा की तैयारी कर रहे थे। उन्हें कानो कान खबर तक नहीं लगी.
* अक्तूबर 1998 से मार्च 1999 के बीच पाकिस्तान सेना ने कारगिल की तरफ जाने वाली सड़कों की मरम्मत की, टेलीफोन लाईने बिछाई और भारतीय सीमा के पास 8 से 10 हेलीपैड बनाए और भारत सरकार सोती रही।
* 20 फरवरी 1999 को जब अटलबिहारी बाजपेयी बस लेकर लाहौर की सद्भावना यात्रा कर रहे थे तब पाकिस्तान की नार्थ लाइट इन्फैन्ट्री के जवान अपनी विमान भेदी तोपों, राकेट लांचरों , स्टिंगर मिसाइलों और मशीनगनों के साथ कारगिल द्राक्ष सेक्टर पर कब्जा जमा रहे थे।
* जब अटलबिहारी बाजपेयी लाहौर मे बिरयानी खा रहे थे पाकिस्तान ने 50 हज़ार बर्फ मे चलने वाले जूते विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से खरीदे। * RAW और IB की रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय मे धूल खाती रही। प्रधानमंत्री ऊँघते रहे।
* सबसे बड़ी शर्म की बात तो ये है की 4 मई 1999 को पाकिस्तानी घुसपैठ की जानकारी उन्ही मुस्लिम कश्मीरी चरवाहों ने भारत सरकार को दी जिन्हे बीजेपी के नेता पाकिस्तान भेज देने की बात करते हैं।
* करगिल- पाकिस्तानी सैनिकों ने मई-1999 के अंतिम सप्ताह मे भारत के आधा दर्जन सैनिकों का बेरहमी से कत्ल कर दिया।
* 9 मई 1999 को करगिल क्षेत्र मे गोलाबारी करके सेना के 100 करोड़ के आयुध भंडार को नष्ट कर दिया ।
* 27 मई 1999 को दो मिग -27 लड़ाकू जहाजों को मार गिराया और पैराशूट से कूदे कमांडर आहूजा की आंखे निकाल कर गला काट कर उनकी हत्या कर दी।
* ये सब होने के बाद 11जून 1999 को तत्कालीन विदेशमंत्री जसवंत सिंह ने पाकिस्तानी विदेशमंत्री का दिल्ली मे हार और फूल के साथ स्वागत किया।
यह है भारत की सुरक्षा के प्रति बीजेपी की लापरवाही का एक उदाहरण।
(मेजर जनरल शशिकांत पित्रे के 19 जनवरी 2014 के लोकमत के मंथन परिपत्र मे लिखे गए लेख से साभार कारगिल युद्ध कीउपरोक्त जानकारियां ली गयी हैं )
नमन

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