Wednesday 11 November 2015

              
 मोदी सरकार के १८ महीने

कांग्रेस शासन के घोटालों, देश में बढ़ रहे हत्या और बलात्कारों के खिलाफ बढे हुए असंतोष, कांग्रेस की मौनी सरकार जिसमे न प्रधान मंत्री बोलते थे, न रक्षा मंत्री | गृह मंत्री बोलते कुछ थे समझा कुछ जाता था | सरकार की प्रतिबद्धताएं, सरकार की उपलब्धियां, सरकार की सोच आम आदमी तक पहुँचाने में कांग्रेस की असफलता २०१४ के आम चुनावों में कांग्रेस की हार का कारण बनी |

आम आदमी और सरकार के बीच पैदा हुयी रिक्तता को मोदी द्वारा दिखाए गए बड़े बड़े सपनों ने भरा | मोदी जी जनता की आकांक्षाओं की आवाज़ बने, सुशासन का वादा किया | २०१४ के आम चुनाव में भारतीय जनता ने मोदी पर भरोसा किया उनको सिर माथे पर बैठाया |

पर सत्ता में आते ही नीतियों और अनुभव के आभाव में मोदी जी लड़खड़ा गए | ६ करोड़ आबादी के छोटे से गुजरात को चलाने और १२५ करोड़ की आबादी वाले देश को चलाने में ज़मीन आसमान का अंतर है | ऊपर से मोदी जी का अहंकार उन्हें दूसरों की सहायता लेने, बीजेपी के अपने वरिष्ठो और अनुभवी नेताओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करने से रोक रहा है |

मोदी जी की विकास की कल्पना अच्छी है, सपने अच्छे हैं पर उन्हें पूरा करने के लिए वे सिर से पांव तक भ्रष्ट, जंग लगी अफसरशाही पर निर्भर हैं| मनमोहन सिंह और मोदी में एक बड़ा अंतर यह है की मनमोहन सिंह बारहों महीने रोज PMO में १२ से १४ घंटे फाईलें क्लियर करते हुए सरकार चलाते थे और मोदी जी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे, अक्षम, चाटुकार सरकारी बाबुओं पर सरकार चलाने का भार छोड़ कर १२ महीने राजनीती कर रहे हैं| साल में ६ महीने मोदी स्वयं पूरी की पूरी कैबिनेट के साथ किसी न किसी चुनाव के प्रचार में व्यस्त रहते हैं, मन की बाते कर रहे हैं, विदेश यात्रायें कर रहे हैं |

मोदी जी और उनका पूरा मंत्रिमंडल निर्णय लेने की प्रक्रिया से बाहर है| सारे निर्णय निरंकुश अफसरशाही ले रही है, जो जनता के प्रति उत्तरदायी नहीं हैं | सारे बाबुओं की नियुक्ति मोदीजी ने स्वयं की है और ये बाबू अपने विभाग के मंत्रियों तक की बात नहीं सुनते | सारी ताकते  पीएमओ में केन्द्रित हैं और PM स्वयं पीएमओ में नहीं होते | फाईले धूल खा रही हैं, निर्णय लेने में देर हो रही है | सारी व्यवस्था अव्यवस्थित होकर रह गयी है | सरकार चलाने का सारा काम बाबुओं पर न छोड़ कर मोदीजी को खुद पीएमओ में जादा से जादा वक़्त देना होगा|
मोदी जी को समझना होगा की सिर्फ नसीहत से कुछ नहीं होगा | अच्छी नीति , अच्छी नीयत और अथक मेहनत से ही देश प्रगति करेगा |

सभी देशवासियों को दीपावली पर ढेर सारी शुभकामनायें !
'नमन' 

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