Wednesday 16 July 2014

'वैदिक' ताप


पूरे हिन्दुस्तान में आज कल 'वैदिक' ताप व्याप्त है.  दैहिक -दैविक -भौतिक ताप के बारे में आप सबने सुना ही होगा ! ये उसी श्रेणी का चौथा ताप है जो पकिस्तान से छुआ छूत  की वजह से फ़ैल रहा है. बात आतंकवादी  हाफ़िज़ सईद के साथ  मोदी जी और बाबा रामदेव के लंगोटिया यार वेदप्रताप वैदिक की मुलाकात की है. 

पाकी पत्रकार इफ्तिखार शिराज़ी ने कहा- वेदप्रताप वैदिक और आतंकी हाफिज सईद की मुलाकात के बारे में भारत सरकार जानती थी.
वेद प्रताप वैदिक, मोदीजी और बाबा रामदेव के लंगोटिया यार हैं. सो उनको विशेषाधिकार प्राप्त हैं की भारतीय सुरक्षा और विदेशनीति का तीया -पांचा जब चाहे बेधड़क कर सकते हैं.

मोदी जी भारत के प्रधान मंत्री है उनका रिमोट रामदेव जी के पास है. वैदिक जी दोनों के अन्तरंग हैं , सो सरकारी सन्देश लेकर ही हाफिज सईद से मिले होंगे ???

सुलह सपाट की ही बात होगी, कोई ललकारने तो गए नहीं थे वैदिक साहब ?
नवाज शरीफ के सामने नतमस्तक होने के बाद अगर थोडा सा हाफ़िज़ सईद के गले मिल लिए तो इतनी हाय तोबा क्यों ?
हुआ दरअसल ये की जब वैदिक साहब नवाज़ शरीफ बदमाश से मिले तो नवाज़ भाई उनसे इतना प्रभावित हुए की उन्होंने समझ लिया की यह आदमी हाफिज सईद के स्तर का है सो दोनों की मुलाकात तय करवा दी.

अब पकिस्तान भारत के द्विपक्षीय सम्बन्ध तो पिछले २ दशक से पाकिस्तानी आतंकी ही तय करते रहे हैं. पाक सरकार तो मूक द्रष्टा है. सो जैसा की अधिकांश भारतीय पत्रकारों का मानना है की वैदिक जी भारत पाक रिश्तों में शिमला समझौते से लेकर काश्मीर मुद्दे पर द्विपक्षीय वार्ता के लिए हाफ़िज़ सईद से मिल लिए.
वैदिक जी के कारनामे पर मोदी जी इन दिनों गुनगुना रहे है...
हंगामा है क्यों बरपा , मुलाकात ही तो की हैं...
कश्मीर पर चर्चा की... दिल्ली अभी बाकी है...

पिछली बार का ही देखिये , अटल जी लाहौर में नवाज़ को शरीफ समझ कर उनके सामने घुटने टेके बैठे थे और पाक आतंकवादियों के निर्देश पर पाकिस्तानी फौज ने कारगिल पर कब्ज़ा कर लिया. बाजपेयी जी ने कई दिनों तक वीर रस की कई कई कवितायेँ पढ़ी, 'हार नहीं मानूंगा ...रार नहीं ठानूंगा वगैरह वगैरह पर पाक फ़ौज कविता सुनाने के मूड में नहीं थी सो हज़ारो भारतीय सैनिकों की बलि चढ़ा दी बाजपेयी जी की नासमझी और अदूरदर्शिता ने.

वेदप्रताप वैदिक जी ने सही समझा की आरएसएस वालों की तरह आतंकी भी तो आदमी ही है. अगर उससे धीरे से पूँछ ही लिया की भाई अगला हमला कब, कहाँ, कितने फिदायीनों द्वारा होगा तो क्या बुरा किया वैदिक जी ने ?

आगे से रॉ, आई बी जैसे संगठनो की जरुरत नहीं है. नाग पुर से ट्रेनिंग लिए हुए वैदिक जी जैसे कुछ लोग सब संभाल लेंगे.?अब कुछ लोगों की अक्ल पर पाकिस्तानी पत्थर पड गएँ हैं जो चिल्ला रहे हैं.

मैं तो वैदिक जी जैसी परम मूर्ति को कोटि कोटि नमन करता हूँ. सुना है वैदिक जी पिछले कई प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में वे पीएमओ में बैठे ताश के पत्ते की बाज़ी खेला करते थे. हम साले दूसरे तीसरे चौथे दर्जे के नागरिक जो पूरी ज़िन्दगी पीएमओ में घुस तक नहीं पाए, वैदिक जी की आध्यात्मिक उंचाईयों को सूंघने में भी असमर्थ हैं. सो ऊंघ रहे हैं. 

वैदिक जी के बारे में सोच
सोच कर कुछ  भर आया है. अत: आज बस इतना ही...
'नमन'

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