वादा तेरा वादा- वादा तेरा वादा,
वादे पे तेरे मारा गया, बन्दा मैं सीधा सादा,
वादा तेरा वादा.....
कहते हैं पूत के पांव पालने से ही मालूम पड जाते हैं. मोदी- जेट ली एंड कंपनी का पहला बजट देख कर जनता को उनकी दूर
दृष्टि, उनकी सोच सब समझ में आ गयी. उत्तर प्रदेश और विशेषकर काशी वाले तो धन्य हो
गए.
अन्य राज्यों को IIM और IIT की खैरात देने वाले मोदी- जेट ली एंड कं
को ५-६ राज्यों के बराबर आबादी वाला (२१
करोड़ आबादी) उत्तर प्रदेश चुनाव जीतते ही भूल गया. ७१+२ सांसद चुन कर देने वाले
उत्तर प्रदेश को शिक्षा की क्या जरुरत है? अन्य राज्यों के हिसाब से देखें तो
उत्तर प्रदेश को २-२ आईआईएम और आय आय टी मिलने चाहिए थे.
सरदार पटेल की प्रतिमा के निर्माण के लिए पूरे देश से लाखों टन लोहा
बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने इकठ्ठा करके गुजरात भेजा. वह लोहा किस औद्योगिक घराने
के गोडाउन में पड़ा है? प्रतिमा बनाने के लिए क्या वह पर्याप्त नहीं था की २०० करोड़
रु केंद्र सरकार ने उसके लिए बजट में प्रावधान किया?
यहाँ एक बात और कहना चाहूँगा की मोदी भक्त कहते हैं की कांग्रेस ने ६०
साल में क्या किया?
भाई मेरे १९४७ में भारत का सालाना बजट मात्र २९४ करोड़ रु था. आज ये
लगभग ५.५लाख करोड़ हो गया है, यह कांग्रेस की देन है. आज भारत के पास ३०० बिलियन
डालर से जादा विदेशी मुद्रा है. विदेशी मुद्रा भण्डार के मामले में भारत दुनिया के
प्रथम १० देशों में आता है.
आज भारत के पास ११००० टन से जादा सोना है. ये सब कांग्रेस शासन में
हुआ है.
खैर, जेट ली साहब भारत की इकोनोमी को जेट स्पीड देना चाहते थे पर जेट
का टेक ऑफ़ नहीं हुआ. शेयर मार्किट भरभरा कर मुंह के बल गिरा.
जेट ली साहब चुनाव में कांग्रेस से ५लाख रु तक इनकम टैक्स छूट देने की
बात करते थे.
खुद वित्त मंत्री बने तो वादा भूल कर २.५ लाख पर अटक गए.
बाबा रामदेव चुनाव प्रचार में कहते थे की मोदी का रिमोट मेरे हाथ में
रहेगा, अगले १५ साल तक किसी को १ रु भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा और स्विस बैंक में
जमा २१लाख हज़ार करोड़ रु वापस लाये जायेंगे. अब बाबा रामदेव ऐसे गायब हैं जैसे गधे
के सर से सींग. देखिये आगे आगे क्या होता है?
वादा तेरा वादा.... वादे पे तेरे मारा गया ... हिन्दुस्तानी सीधा सादा
...
‘नमन'
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