Saturday, 3 May 2014

'गिरोह' और 'जमात'


अब न हिन्दू न मुसलमान की खातिर लड़िये,
अगर लड़ना है तो इन्सान  की खातिर लड़िये. 
हिन्दुस्तान की खातिर लड़िये। 

भाई चंचल जी कहते हैं एक  'गिरोह' है।
जो अपने रिमोट से देश संचालित करने की बात कर रहा है।
झूठ, घृणा, द्वेष और हिंसा इसके हथियार रहे हैं।
कट्टरता,कायरता और नपुंसकता इनका सबसे बड़ा गुण है।

यह गिरोह अपने नाग-पुर मे विकसित धर्मांधता का विष पूरे देश को 1925 से लगातार परोस रहा है।
बजरंग दल, हिन्दू महासभा, विश्व हिन्दू परिषद आदि इसकी शाखाएँ हैं।
बाबा रामदेव, आसाराम , साध्वी प्रज्ञा जैसे इनके धार्मिक लंबरदार हैं।

दूसरी तरफ आजम खान, जामा मस्जिद के इमाम, इंडियन मुजाहिदीन, आबु आज़मी और कांग्रेस के कई छुट भैये मुस्लिम नेताओं की जमात है।
विष को विष से काटने की बात हो रही है।

गिरोह कहता है जो इनकी बात न माने वह भारतीय नहीं है। उसे देश निकाला दे दो, पाकिस्तान भेज दो।
जमात कहती है जो उससे सहमत नहीं है वह मुसलमान नहीं है। उसका DNA टेस्ट करो।

अपनी राजनैतिक  सेकने के लिए भारतीय प्रजातन्त्र की जड़ मे यह धर्मांधता का विष लगातार डाला जा रहा है।
भारतीय गणतन्त्र के शरीर पर यह प्रयोग पिछले ६७  सालों से अनवरत जारी है।

न तो 'गिरोह' न तो 'जमात' को भारत से , भारतीय प्रजातन्त्र से कुछ लेना देना है ।
'गिरोह' और 'जमात' दोनों भारत और भारतीयता और इंसानियत के लिये सबसे बड़ा खतरा हैं।
एक को भगवा हिंदुस्तान चाहिए , दूसरे को हरा ।

एक कहता है हरे रंग को पाकिस्तान भेज दो। दूसरा ताल थोक कर कहता है पुलिस और मिलिटरी को बगल कर दीजिये, हम एक 25 करोड़ एक दिन मे 100 करोड़ का नामोनिशान मिटा देंगे।
दोनों कायर हैं । दोनों भारत के दुश्मन हैं। दोनों इंसानियत के दुश्मन हैं।
दोनों हमारी राष्ट्रियता के लिए खतरा हैं। दोनों का समूल नाश जरूरी है।


एक प्रार्थना १२५ करोड़ भारतीयों से.…… 
अब न हिन्दू न मुसलमान की खातिर लड़िये,
अगर लड़ना है तो इन्सान  की खातिर लड़िये. 
हिन्दुस्तान की खातिर लड़िये।
उठो भारत उठो। 
'नमन' 

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