Wednesday 30 April 2014

अब की बार जनता की हार.....

अब की बार जनता की हार..... 

RSS के नाग-पुर जहर से दंशित कुछ लोग 'अबकी बार मोदी सरकार' कह कर गलियों मे अर्धविक्षिप्त हो कर ये कहते देखे गए हैं की अब की देश मे सुराज्य आ जाएगा।

* यह विक्षिप्तता देश के हर आम चुनाव के समय देखी गयी है। चुनाव की गर्मी मे आरएसएस का झूठ, भ्रम और जातिवाद का जहर अधिक प्रभावशाली हो जाता है।

* ये देश का दुर्भाग्य रहा की देश को 7 गैर कांग्रेसी अति अक्षम प्रधान मंत्री मिले।

* मोरारजी भाई देसाई ने RAW की उस शाखा को ताला लगा दिया जो पाकिस्तान के आतंकियों को पाकिस्तान मे घुस कर मारती थी और बदले मे पाकिस्तान से 'निशाने पाकिस्तान' पुरस्कार पा कर गद गद हो गए। साथ ही बाजपेयी एवं आडवाणी के साथ मिल कर देश का सैकड़ों टन सोना बेच डाला।

* बोफोर्स तोप गोला पीछे की तरफ दागती है और मेरी डायरी मे राजीव गांधी के स्विस बैंक के अकाउंट नंबर है, सत्ता मे आते ही 3 महीने मे सबको जेल भेज दूंगा जैसे झूठ बोल कर सत्ता मे आए वीपी सिंह ने मण्डल का कमंडल इतने बेतुके ढंग से खोला की लाखों छात्रों ने उसके विरोध मे राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाया , और उसके विरोध मे आत्म दहन तक लिया।

* चन्द्र्सेखर और उनके वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (बीजेपी के वित्त विशेसज्ञ) ने 400 टन सोना गिरवी रख कर देश चलाया।

* देवेगौड़ा सोते रहे और गुजराल ने जैसे तैसे दिन गुजारे। उपलब्धि ये की देश के विकास की नदी का मुंह उल्टा मोड दिया।

* अटल जी आए तो पाकिस्तान करगिल मे घुस आया तब पीछे की तरफ गोला दागने वाली बोफोर्स काम मे आई।
--- आतंकीयों ने संसद पर आक्रमण कर दिया ।
---- 800 करोड़ के दहेज के साथ 3 दुर्दांत पाकिस्तानी आतंकवादी छोड़ दिये।
---- इनहि आतंकवादियों ने बाद मे मुंबई पर हमला किया।
----- बाजपेयी पाकिस्तान के सामने घुटने टेकने लाहौर चले गए, पाकिस्तान के तत्कालीन सेनाध्यक्ष मुशर्रफ ने इन्हे सैल्यूट करने से इंकार कर दिया , अपना सा मुंह लेकर दिल्ली लौटे।
----- विंग कमांडर आहूजा और उनके साथी की पाकिस्तानियों ने आँख निकाल कर गला काट कर हत्या कर दी और उनका शरीर बाजपेयी जी की सरकार को भेज दिया। तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह पाकिस्तानी विदेश मंत्री का दिल्ली मे फूल माला लेकर स्वागत करने मे खुद को धन्य समझते रहे रहे।
------ बांगलादेश राइफल्स ने भारत के एक दर्जन जवानो की गला काट कर हत्या कर दी और उनका शव दिल्ली भेज दिया। बाजपेयी जी के गले से ललकार तो छोड़िए चूँ तक न निकली।

**** कितना बताऊँ। इनकी अकर्मण्यता की कहानी। ये कहते हैं कांग्रेस ने 65 साल मे क्या किया?
----- कांग्रेस जितना 10 साल मे करती है विपक्ष 10 महीने के अपने कार्यकाल मे उस किए धरे पर पानी फेर देते हैं। शासन मे आने पर फिर कांग्रेस को नए सिरे से काम करना पड़ता है।

----------- मेरे भाई घर बनाने मे सालों लगते हैं और उसे गिराने को चंद दिन ही काफी हैं।
'नमन'

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