जिसे खराब लगे सामने से हट
जाए।
बीजेपी ने हमेशा किया है
भारतीय किसानो और मजदूरों का शोषण----
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बीजेपी के NDA
शासन(1998-2004) की किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के कारण किसानो पर साहूकारों का
कर्ज़ लगातार बढ़ता गया।
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एक तरफ NDA के
तत्कालीन टेलिकाम मंत्री प्रमोद महाजन ने रिलायंस टेलिकाम का 80,000 करोड़ का बकाया एक दिन मे माफ कर दिया वहीं किसानो के उत्पादों के समर्थन
मूल्य नहीं बढ़ाए गए।
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BJP के NDA शासन मे एक तरफ डीजेल के भाव 21.73% प्रतिवर्ष के दर से बढ़ाए गए, केरोसिन के भाव 42.92% प्रति वर्ष के हिसाब से बढ़ाए गए, घरेलू गैस के दाम 15.44% प्रति वर्ष की दर से बढ़ाए गए तो वहीं दूसरी तरफ
किसानो के अनाज, कपास, गन्ना और तेलहन
के खरीद समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाये गए।
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बीजेपी शासन(1998-2004) मे
किसानो को उनके उत्पादों के उचित मूल्य न मिलने से धीरे धीरे उनपर कर्ज़ बढ़ता गया
और 2004-2005 आते आते स्थिति विस्फोटक हो चुकी थी। सरकारी सहायता के अभाव मे
किसानो ने बड़ी संख्या मे आत्महत्या की।
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कांग्रेस ने शासन मे आने
पर न केवल छोटे और मझोले किसानो का 70,000 करोड़ रु एक मुश्त माफ किया
बल्कि पूरे देश के किसानो को साहूकारों के ऋण से मुक्ति दिलाने के लिए बीजेपी शासन
से 7 गुना जादा ऋण दिया।
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आज पूरे देश के किसानो को
2004 के बीजेपी शासन के 1.04 लाख करोड़ के लोन के मुक़ाबले कांग्रेस ने 7लाख करोड़ का
ऋण बैंको की मार्फत दिया है, ताकि किसानो को साहूकारों के चंगुल
से मुक्ति मिले।
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बीजेपी शासन मे गेंहू का
सरकारी खरीद मूल्य सिर्फ रु 6.30/-प्रति किलो
था। कांग्रेस
सरकार
ने
गेंहू
का
समर्थन
मूल्य
लगभग
ढाई
गुना
बढ़ा
कर
रु
13.50/-
प्रति किलो कर दिया। ताकि
किसान
को
उसके
उत्पाद
का
जादा
दाम
मिल
सके।
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बीजेपी शासन(2004) मे चावल
का खरीद मूल्य सिर्फ रु 5.50/प्रति किलो
था जिसे वर्तमान कांग्रेस सरकार ने बढ़ा कर सन-2014 मे रु 13.45/ प्रति किलो
कर दिया है।
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BJP शासन(२००४) मे जवारी का
खरीद मूल्य मात्र रु 6/- प्रति किलो था उसे वर्तमान कांग्रेस सरकार ने ढाई गुना
बढ़ा कर रु 15/- प्रति किलो कर दिया है।
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बीजेपी शासन(2004) मे
गन्ने का खरीद मूल्य रु 73/- प्रति क्विंटल था जिसे कांग्रेस सरकार ने 3 गुना बढ़ा
कर रु 220/- प्रति क्विंटल कर दिया है।
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BJP शासन(२००४) मे कपास का
खरीद मूल्य मात्र रु 1925/-प्रति क्विंटल था, जिसे वर्तमान
कांग्रेस सरकार ने 2 गुना बढ़ा कर रु 3900/- प्रति क्विंटल कर दिया।
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BJP शासन(2004) मे ग्रामीण
मजदूरों की मजदूरी रु 48/- प्रति दिन थी। आज 2014 मे कांग्रेस शासन ने यह मजदूरी
लगभग 3 गुना बढ़ा कर रु 138/- प्रति दिन कर दी।
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बीजेपी ने अपने 1998 से
2004 के कार्यकाल मे किसानो के उत्पादों का सरकारी खरीद मूल्य नहीं बढ़ाया और शहरी
मतदाता को लुभाने के लिए मंहगाई न बढ़ाने के नाम पर किसानो का शोषण किया।
क्रमशः ---- ‘नमन’
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