---- नमन के दोहे ----
1-प्रतिमा ऊंची हो रही,लघु होते प्रतिमान
जितना छोटा आदमी, उतना ही धनवान।
2-जितना हल्का आदमी, उतने ऊंचे बोल
बजने वाले ढ़ोल मे, होता अंदर पोल।
3-धीर-वीर गंभीर सब, बैठे हैं चुप चाप
कायरता करती रही, चारों ओर प्रलाप।
4-लाठी जिनके पास है, उनकी ही है भैंस
डाकू-गुंडों की हुयी संसद मे घुसपैठ।
5-व्यापारी लोभी यहाँ, नेता सारे भ्रष्ट
अधिकारी हैं लालची, जनता सबसे त्रस्त।
6-ढोंगी,लोभी,लालची, हो गया संत समाज
इनकी गतिविधि देखकर जनता है नाराज़।
‘नमन’
1-प्रतिमा ऊंची हो रही,लघु होते प्रतिमान
जितना छोटा आदमी, उतना ही धनवान।
2-जितना हल्का आदमी, उतने ऊंचे बोल
बजने वाले ढ़ोल मे, होता अंदर पोल।
3-धीर-वीर गंभीर सब, बैठे हैं चुप चाप
कायरता करती रही, चारों ओर प्रलाप।
4-लाठी जिनके पास है, उनकी ही है भैंस
डाकू-गुंडों की हुयी संसद मे घुसपैठ।
5-व्यापारी लोभी यहाँ, नेता सारे भ्रष्ट
अधिकारी हैं लालची, जनता सबसे त्रस्त।
6-ढोंगी,लोभी,लालची, हो गया संत समाज
इनकी गतिविधि देखकर जनता है नाराज़।
‘नमन’
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