Monday, 8 July 2013

---- नमन के दोहे ----

---- नमन के दोहे ----

1-प्रतिमा ऊंची हो रही,लघु होते प्रतिमान
जितना छोटा आदमी, उतना ही धनवान।

2-जितना हल्का आदमी, उतने ऊंचे बोल
बजने वाले ढ़ोल मे, होता अंदर पोल।

3-धीर-वीर गंभीर सब, बैठे हैं चुप चाप
कायरता करती रही, चारों ओर प्रलाप।

4-लाठी जिनके पास है, उनकी ही है भैंस
डाकू-गुंडों की हुयी संसद मे घुसपैठ।

5-व्यापारी लोभी यहाँ, नेता सारे भ्रष्ट
अधिकारी हैं लालची, जनता सबसे त्रस्त।

6-ढोंगी,लोभी,लालची, हो गया संत समाज
इनकी गतिविधि देखकर जनता है नाराज़।
‘नमन’ 

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