Wednesday 17 July 2013

मैं उनकी आँख का आँसू नहीं, काजल बनूँगा





मैं उनकी आँख का आँसू नहीं, काजल बनूँगा

जरूरत होगी तो उनके लिए तिल-तिल जलूँगा।



भले धोखे मिले, रुसवाईया हमको मिले लेकिन

मैं उनका हूँ, उन्हीका उम्र भर बन कर रहूँगा।



ये हिंदुस्तान नहीं, ये मेरा दिल है ऐ जहां वालों

जीऊँगा हिन्द की खातिर, मैं इस पर ही मरूँगा।



मोहब्बत का हूँ सौदागर मुझे नफरत नहीं आती

मैं नफरत करने वालों के दिलों मे प्यार भर दूंगा।



मोहब्बत को मेरी तुम मेरी कायरता नहीं समझो

‘नमन’ गर वक्त आया जान दूंगा, जान ले लूँगा।

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