BATKAHI
कहा कहा फिर फिर कहा, लेकिन कहा न जाय| जब भी कहा कुछ अनकहा, पीड़ा बरनि न जाय||
Sunday, 5 May 2013
तोहमत
दर्द की इंतिहा हो गई
आज वो बेवफा हो गई।
टूट कर हमने चाहा जिसे
वो ही मुझसे खफा हो गयी।
झूठी तोहमत वो मुझ पर लगा
जिंदगी से दफा हो गई।
जब से उससे बिछड़ना हुआ
सब वफाएँ जफा हो गई ।
अब तो तन्हाईया ये मेरी
जिंदगी का सफा हो गई।
'नमन'
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