===स्त्री ===
सुबह से शाम तक ये जिंदगी उसको सताती है
मोहब्बत और ममता रात दिन उसको रुलाती है।
अधूरी ही सही मुस्कान होठों पर लिए फिर भी
वो देवी गम अपना सारी दुनियां से छिपाती है।
वो बचपन में जवान होकर सहारा माँ का बनती है
जवान होकर वही किसी और का घर सजाती है।
कली माली की बगिया की नित नए नाम पाती है
कभी बेटी- बहन- बुवा , कभी पत्नी कहाती है।
किसी भी रूप में देखो किसी भी रूप में जानो
वो गंगा है सभी की प्यास और दुःख मिटाती है।
ये हिन्दुस्तान की बेटी सारे जग से न्यारी है
इसे हर रूप में नमन, ये धर्म अपना निभाती है।
'नमन'
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