Monday, 1 April 2013

कहाँ है मोमबत्तियां ... ?

कहाँ है मोमबत्तियां ... ?

कहाँ है मोमबत्तियां 
कहाँ है पढ़ी लिखी महिलाएं 
कहाँ हैं सब सभ्रांत पुरुष 
कहाँ गए समाज के ठेकेदार 
जो 'निर्भया' के लिए 
उतर आये थे सडकों पर ....

कान में जूं तक नहीं रेगती है
तथाकथित सभ्य समाज में 
जब छत्तीसगढ़ के महिला आश्रमों में 
बलात्कार होता है 
लड़कियों के साथ 
१ दिन नहीं 
२ दिन नहीं 
कुछ महीने नहीं 
५-५ साल लगातार ....

माननीय मुख्यमंत्री 
सम्मानित करते हैं 
इस कुकर्म की सूत्रधार
महिला वार्डन को अपने कर-कमलों से  
उसके उत्र्कृष्ट काम के लिए ...

उच्चवर्गीय महिलाएं चुप 
मध्यमवर्गीय नौजवान चुप 
बुद्धिमान सर्व-ज्ञाता पत्रकार चुप 
कोई १ मोमबत्ती भी 
नहीं  खर्च करता इन पर ...

क्या सिर्फ इस लिए  
ये नहीं है हिन्दुस्तान की बेटियां 
क्यों कि  ये हैं गरीब 
ये हैं आदिवासी समाज की 
ये हैं पिछड़े वर्ग की 
ये हैं पिछड़े राज्यों की .....

रोज लुट रही है लाज अबलाओं की 
गरीब, आदिवासी , पिछड़ी जातियों 
की महिलाओं का 
सभ्य समाज के भद्र पुरुष 
रोज करते हैं शिकार 
अपनी हबस के लिए ....

गंगा में भी इतना पानी नहीं है
जिसमे शर्म से डूब सकें 
हम सब ...
हम सब ...
                  'नमन'
                 

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