'प्रेम -दिन'
तुमको नया उपहार क्या दूँ ..?
दिल तुम्हारा है तुम्हे दूँ
जान तेरी है तुझे दूँ
है मेरा सर्वश्व तेरा
आज तुझको नया क्या दूँ ..?
प्रेम दिन पर प्रियतमे
तुमको नया उपहार क्या दूँ ..?
झील सी आँखें तुम्हारी
घटा सी जुल्फें तुम्हारी
थिरकती तेरी कमर पर
लुट गयी दुनिया हमारी
चाँद से मुखड़े को तेरे
नया फिर मैं नाम क्या दूँ ..?
प्रेम दिन पर प्रियतमे
तुमको नया उपहार क्या दूँ ..?
हर कदम पर मैं तुम्हारे
फूल और कलियाँ बिछा दूँ
या कि गहनों से तुम्हारा
बदन मैं पूरा सजा दूँ
प्रियतमे तुम ही बताओ
प्यार के के बदले में क्या दूँ ..?
प्रेम दिन पर प्रियतमे
तुमको नया उपहार क्या दूँ ..?
बहती वासंती पवन है
खिल गया मन का सुमन है
महकता तन और बदन है
आज फिर पागल ये मन है
नायिके मेरे ह्रदय की
दिल दिया है और क्या दूँ ..?
प्रेम दिन पर प्रियतमे
तुमको नया उपहार क्या दूँ ..?
'नमन'
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