मन आवारा, तन बैरागी, मेहंदी सजी है बाहों में
होठ शराबी, आँख गुलाबी,तुम चढ़ गए निगाहों में। 'नमन'
इश्क सताए, इश्क रुलाये, इश्क करे बर्बाद
इश्क दुवा है,इश्क वफ़ा है,इश्क मेरी अरदास। 'नमन'
आँखें, चेहरा, लब, जुल्फें सब क़यामत ढा रहे
आज उसके रु-बरु हूँ दिल रहे या ना रहे। 'नमन'
तेरे शबाब सा कोई शबाब क्या होगा
तू ला-जवाब है तेरा जवाब क्या होगा। 'नमन'
जिन्हें हम दर्द और तन्हाइयों में साथ पाते हैं
उन्हें ये दुनियां वाले क्यों मेरा दुश्मन बताते है। 'नमन'
दिल की बातें दिल ही जाने मैं जानू और तू जाने
इश्क हुआ है हम दोनों को मैं मानू ना तू माने।
बहन-बेटियां लुटें सड़क पर रक्षक-भक्षक बने हुए
गली-गली और मोड़-मोड़ पर मयखाने ही मयखाने।
भ्रष्टाचार की बहती गंगा नेता - अफसर मिले हुए
इनसे मुक्ति मिलेगी तब जब मैं ठानू और तू ठाने।
सेवा का व्रत लेकर मेवा खाने वाले सांसद हैं
भूख गरीबी बेकारी सब इनको लगते अफ़साने।
सबकी कीमत लगी हुई है नेता हों या अफसर हों
न्याय यहाँ बिकता लाखों में बिके हुए हैं सब थाने।
'नमन'
सर्द मौसम में जरुरी है प्यार की गर्मी
उसके तपते हुए होठों को चूम लेता हूँ ....
रातें लम्बी है सर्दियों की बहुत
वो पिघलती है जब हाथो में थाम लेता हूँ ....
'नमन'
दिल पर किसका जोर चला है, किसका काबू आया है
दिल पागल है, इस पागल ने सारा जग भरमाया है।
आसमान पर चाँद ज़मीन पर इंसानों की बस्ती है
जब भी उतरा चाँद ज़मीन पर हमने होश गवाया है। 'नमन'
तुझे चाहूँ, तुझे पूजूं , तुझी से प्यार करूँ
तमाम ऊम्र तुम्हारा ही इन्तेजार करूँ|
तेरी जफ़ाएं भी हमको वफ़ा सी लगती हैं
तू वफ़ा करे तो तुझपे जां-निसार करूँ || 'नमन'
बड़ा मुश्किल है उसकी दुनिया में आसाँ होना
उससे भी मुश्किल है लेकिन किसी क़ी जाँ होना|
यूँ तो दिन रात किया करते हैं हम उसकी बात
हाले दिल मुश्किल है उसके सामने बयाँ होना|| 'नमन'
सीखना है गर मोहब्बत सीख लो
जीतना गर है दिलों को जीत लो। 'नमन'
लब हैं खामोश और दिल गुमसुम
भीड़ में तुम भी गुम- हम भी गुम
आँख कब नम हुयी पता न चला
जहाँ भी देखूं वहां तुम ही तुम।
'नमन'
तेरी ज़ुल्फे तेरे कांधे पे यूँ लहराई हैं
ऐसा लगता है क़यामत ने ली अंगड़ाई है।
तेरा मुखड़ा है या पूनम का चाँद है यारा
तेरी मुस्कान ज्यों खैयाम की रुबाई है। 'नमन'
जबसे ये उठने लगी हैं नफरतों की आंधियां
फासले बढ़ने लगे हैं दिल से दिल के दरमियाँ।
धर्म- जाति और भाषाओं में हमको बाँट कर
वो हमें दिखला रहे हैं खुद हमारी खामियां। 'नमन'
मैं तुम्हे अपनी वफ़ा दूँ , तुम मुझे अपनी ज़फ़ा
जिंदगी चलती रहे, मैं बा-वफ़ा तुम बे-वफ़ा ।
'नमन'
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