शर्मिंदा हूँ पर जिन्दा हूँ
इस देश का मैं बाशिंदा हूँ।
जहाँ माँ बहनों की इज्ज़त से
हर रोज ही खेला जाता है
बहुओं को दहेज़ की खातिर
जिंदा ही जलाया जाता है
जिस देश में औरत सड़कों पर
नंगी घुमाई जाती है ...
उस देश का मैं बाशिंदा हूँ।
शर्मिंदा हूँ पर जिन्दा हूँ।
जहाँ बाहुबली और धर्म-बली
गुंडे संसद में बैठे हैं
नौकरशाहों की मत पूछो
ये अंधे हैं और गूंगे हैं
थानों में ही महिलाओं की
जहाँ इज्ज़त लूटी जाती है .....
उस देश का मैं बाशिंदा हूँ।
शर्मिंदा हूँ पर जिन्दा हूँ।
जहाँ नेता भ्रष्टाचारी है
सिस्टम खुद एक बीमारी है
कानून जहाँ पर बिकता है
इंसान का लहू हुआ सस्ता है
रक्षक ही भक्षक बन करके
जहाँ अपने देश को लूटे है ....
उस देश का मैं बाशिंदा हूँ।
शर्मिंदा हूँ पर जिन्दा हूँ
इस देश का मैं बाशिंदा हूँ। 'नमन'
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