मरना सस्ता हो गया , जीना हुआ मुहाल
देश हुआ धनवान है, जनता है कंगाल|
कल तक जो सभ्रांत थे , नंगा उनका हाल
पांच सितारा संस्कृति का ये नया कमाल|
उनका ही क़ानून है, जिनके घर में माल
चोर- उचक्के कर रहे , चारो ओर धमाल|
मेहनतकश मजदूर हो या मेहनती किसान
दोनों का ही आज -कल हाल बड़ा बेहाल|
खून हमारा चूस कर करता है जो राज
नेता वो ही है बड़ा, जो है धोखेबाज़|
लोकपाल पर संसद में सुनकर सबके बोल
जनता ये कहने लगी, है इस ढोल में पोल|
भय और भ्रष्ट्राचार से घायल है जनतंत्र
हुआ निकम्मा आज है, अपना शासन-तंत्र || 'नमन'
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