Sunday, 22 April 2012

'Khamosh ki Juban' se

    मेरे गीत......
मेरे गीत 
तुम्हारे लिए हैं
सिर्फ तुम्हारे लिए !
इनमे है 
तुम्हारी सांसों क़ी महक
तुम्हारे बदन क़ी खुशबू
तुम्हारी मुस्कराहट का जादू
तुम्हारी पायल क़ी खनक 
पर तुम कहीं नहीं हो
इसीलिए तो मेरे गीत
 तुम्हारे लिए हैं
सिर्फ तुम्हारे लिए !
इनमे है 
तुम्हारी अदा तुम्हारा अंदाज़ 
तुम्हारी नज़रों का असर
तुम्हारी जुल्फों क़ी छाओं
तुम्हारी खूबसूरत बिंदिया
तुम्हारे पांव का बिछुआ 
पर तुम कहीं नहीं हो
इसीलिए तो मेरे गीत
 तुम्हारे लिए हैं
सिर्फ तुम्हारे लिए !
इनमे है 
तुम्हारे नाज़- तुम्हारे नखरे 
तुम्हारी खनकती आवाज
तुम्हारी मदमस्त चाल
तुम्हारे दिल का हाल
तुम्हारे हाथ का कंगन
पर तुम कहीं नहीं हो
इसीलिए तो मेरे गीत
 तुम्हारे लिए हैं
सिर्फ तुम्हारे लिए !
इनमे है 
तुम्हारी अजंता सी मूरत
तुम्हारी सांवली सूरत
तुम्हारा लहराता आँचल
तुम्हारे कानो क़ी बाली
पर तुम कहीं नहीं हो
इसीलिए तो मेरे गीत
 तुम्हारे लिए हैं
सिर्फ तुम्हारे लिए !
इनमे है 
वह सब कुछ 
जो और कहीं नहीं है
क्योंकि तुममे जो है 
वो और कहीं नहीं है
इतना सब कुछ है 
पर तुम कहीं नहीं हो पर तुम कहीं नहीं हो
इसीलिए तो मेरे गीत
 तुम्हारे लिए हैं
सिर्फ तुम्हारे लिए !
                               'नमन'

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