फागुन में सबको भिगोना
सजन करना जादू - टोना।।
चुनरी भिगोना , चोली भी भिगोना
तन भी भिगोना, मन भी भिगोना
हमको तू करके दीवाना
सजन करना जादू - टोना।।
रंग उड़ाना, अबीर उडाना
गालों पे हमारे गुलाल लगाना
अंग से अंग लगाना
सजन करना जादू - टोना।।
भाभी को रंगना, साली जी को रंगना
पीकर के भंग , दिल वाली को रंगना
कर के तू कोई बहाना
सजन करना जादू - टोना।।
साथिन को मिलना, सहेलीं को मिलना
मिलना तू सारे पड़ोसिन को मिलना
सबको तू गले लगाना
सजन करना जादू - टोना।।
इनसे और उनसे न नयना लड़ाना
सताना सजन अगर हमको सताना
फागुन का करना बहाना
सजन करना जादू टोना ।। 'नमन'
पांडे जी पॉ लागी।
ReplyDeleteआपके गीत पढ़कर बहुत ही प्यारा लगा।
आप इसी तरह ही लिखते रहीए, और आपका कदम शिखर की ऊचाईयों पर पहुँचे हमारी यही शुभकामनाएं।
चद्रंपाल सिंह
बहुत प्यारा लगा गीत | अनंत शुभकामनायें आपको भी !!!
ReplyDeleteholi ka rang najar aa raha hai in panktiyon mein ..bahut sundar
ReplyDelete