वो अपने हुश्न पर इतरा रहे हैं
हम अपना गम छिपाए जा रहे हैं|
उनसे नज़रें बचा आज भी हम
अपने आंसू बहाए जा रहे हैं|
है उनके साथ ये सारा जमाना
हम जिनके गीत गाये जा रहे है|
नहीं है गम क़ी सारे गम हैं मेरे
हम अपना गम निभाए जा रहे हैं|
दिलों को तोड़ना है शौक जिनका
हम उनसे दिल लगाये जा रहे हैं|
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