मै तेरी यादें
जेहन से मिटाऊं कैसे?
चाहूँ भी अगर
तो तुझको भुलाऊं कैसे?
बिन तेरे
आज भी अधूरा हूँ
मैं तेरा पुराना
जमूरा हूँ
खेल ता-ऊम्र
दिखाए मैंने
कभी हंसा तो कभी
आंसू बहाए मैंने
तेरी आवाज पर
आँखों के एक इशारे पर
खेल करता रहा मैं
सड़क और चौपालों पर|
मैं तेरी यादें
जेहन से मिटाऊं कैसे?
चाहूँ भी अगर
तो तुझको भुलाऊं कैसे?
'नमन'
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