काफी दिनों से बहुत कम लिख पा रहा हूँ| आज आपकी सेवा में एक ताज़ा
ग़ज़ल ब्लॉग पर लिख रहा हूँ....
हम तेरी मोहब्बत में यूँ खुद को सजा देंगे
ख्वाबों को हवा देंगे, आँखों को रुला देंगे||
लव पर तेरे तवस्सुम आँखों में शरारत है
अंदाज़ तेरे कातिल, मुर्दों को जिला देंगे||
वो मेरी मोहब्बत है, दिल का मेरे वहम है
दिल तोड़ कर वो मेरी,चाहत का सिला देंगे||
चाहा तो उसको चाहा, पूजा तो उसको पूजा
वो कह रहे हैं हमको , मिट्टी में मिला देंगे||
वो जिंदगी में मेरी , खुशबू की तरह आये
क्या था पता हमें वो, शिकवा और गिला देंगे||
'नमन'
aapki lekhni se nikle shabd kamal hain bhai sahab....
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