न अपनी बात कहूँ, न किसी की बात कहूँ
मैं मुलाजिम हूँ उसका, बस उसी की बात कहूँ|
लोग कहते हैं शेर, मैं तो शेर पढ़ता हूँ
मैं मोहर्रिर हूँ जिसका, बस उसी की बात कहूँ|
वो मुझको रोटी और साँसें मुहैया करता है
ये मुनासिब है की मैं सिर्फ उसकी बात कहूँ|
मेरा साहब मुझे हर रोज कुछ सुनाता है
उसी की बात सुनू और उसी की बात कहूँ|
मेरी सुबहें बनारस और मेरी शामें अवध
दुवा है उसकी, मैं उसीसे उसकी बात कहूँ| 'नमन'
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