मित्रों,
होली का पर्व शुरू हो चुका है| बसंत ऋतु में जब आम तक बौरा
जाता है तो हम जैसे साधारण मनुष्यों का थोडा मस्त होना स्वाभाविक है| होली के पावन पर्व पर एक होली गीत आपको समर्पित....
नयनों के तीर, मारे है हीर
बढ़ गयी पीर , इस होली में|
तन रंग डाला, मन रंग डाला
तू ने बाला, इस होली में|
गोरी के गाल, हुए लाल लाल
मल कर गुलाल, इस होली में|
अधरों पे गीत, लिए मन में प्रीति
आया है मीत , इस होली में|
वो मुंह बोली, वो हमजोली
भीगी चोली, इस होली में|
वो घर आये, हम बौराए
फिर पछताए, इस होली में|
पीकर के भंग, गायें अभंग
बाजे मृदंग, इस होली में|
फागुन की मार, तेरा श्रृंगार
दिल तार तार, इस होली में|
खेलूँ मैं फाग, दिल बाग़ बाग़
बुझी दिल की आग, इस होली में|
मां का दुलार, भाभी का प्यार,
छाया खुमार , इस होली में|
साली के संग, लग गया अंग,
बीबी हैं दंग इस होली में |
खेलू मै रंग , मन में उमंग
भीगा हैं अंग, इस होली में||
'नमन'
बीबी हैं दंग इस होली में |
खेलू मै रंग , मन में उमंग
भीगा हैं अंग, इस होली में||
'नमन'
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