पिछली बार की तरह
इस बार भी उसने
नयी बन रही इमारत की नीव में
सीमेंट लोहा गिट्टी और बालू
के साथ साथ
कुछ स्वप्न भी रोपे हैं|
उसने पूरा ध्यान रखा
कि उसे समय समय पर
ईमानदारी के पर्याप्त जल से
सींचा जाये
जिससे कि
नव निर्माण के साथ साथ
नव स्वप्न भी नव आकार लें|
उसे पूरा विश्वास है कि
सत्य सदाचार सहृदयता सहिष्णुता
सद्भाव और ईमानदारी के श्रम से
बनायी जा रही
इस सरकारी इमारत में
बेईमानी भ्रष्ट्राचार भाई- भतीजावाद
जाति और भाषावाद के विषाणु
प्रवेश नहीं पा सकेंगे|
उस अनपढ़ मजदूर ने
नहीं पढ़े हैं समाचार
आदर्श,२जी टेलीकाम, ताबूत
अनाज और चारा घोटालों के
नहीं जानता वह स्विस बैंकों के बारे में
नहीं जानता वह उनके बारे में
जो खुद बिके हुए है
और औरों को खरीद रहे हैं सरेआम|
उसे नहीं है पता कि इसी ईमारत में
वे खरीदे बेचे जायेंगे
यहीं खरीदा बेचा जायेगा
उनका भविष्य और वर्तमान
यहीं शरण लेंगे
उसकी मां बहनों की
इज्जत से खेलने वाले |
वर्ना वह बारूद भर देता इसकी नीव में
खोखली कर देता इसकी नीव
जिससे यह धस जाती
जीते जी नसीब हो जाती उन्हें मिटटी
जो अपनी माटी की इज्जत नहीं करते|
जो अपनी माटी की इज्जत नहीं करते
'नमन'
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